Gujarat Election 2022: गुजरात में आम आदमी पार्टी का नहीं खुलेगा खाता, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दावा
Gujarat Election 2022: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दावा करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी गुजरात चुनावों में शायद अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी.
Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी (AAP) की चुनौती को तवज्जो नहीं देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दावा करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी गुजरात चुनावों में शायद अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी.
गुजरात में अभूतपूर्व जीत दर्ज करेगी बीजेपी
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी (BJP) की राज्य इकाई द्वारा कट्टरपंथ विरोधी प्रकोष्ठ स्थापित करने की घोषणा एक अच्छी पहल है, जिस पर केंद्र और अन्य राज्य विचार कर सकते हैं. अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान गुजरात के सर्वांगीण विकास और शून्य तुष्टिकरण नीति को लागू किए जाने के कदम को पिछले 27 वर्षों में लोगों द्वारा बार-बार बीजेपी पर विश्वास जताने का मुख्य कारण बताया. उन्होंने कहा कि गुजरात में बीजेपी अभूतपूर्व जीत दर्ज करेगी. लोगों को हमारी पार्टी और हमारे नेता पीएम मोदी पर पूरा भरोसा है.
गुजरात में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना पर शाह ने कही ये बात
गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की दस्तक के सवाल पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि हर पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. लेकिन, यह लोगों पर निर्भर करता है कि वे पार्टी को स्वीकार करते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों के दिमाग में AAP कहीं नहीं ठहरती है. चुनाव नतीजों का इंतजार कीजिए, शायद आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों का नाम सफल प्रत्याशियों की सूची में आए ही नहीं.
कांग्रेस से मिल रही चुनौती पर बोले अमित शाह
कांग्रेस गुजरात में बीजेपी की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी रही है. जबकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में एक आक्रामक प्रचार अभियान चलाया है. कांग्रेस से मिल रही चुनौती पर अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अब भी मुख्य विपक्षी पार्टी है. लेकिन, वह राष्ट्रीय स्तर पर संकट के दौर से गुजर रही है और इसका असर गुजरात में भी दिख रहा है.