karnataka election 2023 : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका दिया है. उन्होंने रविवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिये जाने से नाराज होकर शेट्टर ने यह फैसला किया, जिसके तुरंत बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया.
भाजपा नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार से जब पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस में शामिल होंगे, तो उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक फैसला नहीं किया है. उन्होंने कहा कि मैं केवल हुबली-धारवाड़-मध्य के लिए विधायक सीट चाहता था…मैंने राज्य में पार्टी के विकास में योगदान दिया था. इधर भाजपा नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि कर्नाटक के लोग जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी को कभी माफ नहीं करेंगे.
आपको बता दें कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने यह स्पष्ट किया था कि शेट्टार को इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. हुब्बालि-धारवाड़ मध्य सीट से विधायक शेट्टर उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी पहुंचे और विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को अपना इस्तीफा सौंपा. खबरों की मानें तो कर्नाटक के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार देर रात तक शेट्टार को मनाने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ और उन्होंने रविवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया.
भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष और छह बार विधायक रहे शेट्टार ने शनिवार को कहा था कि वह विधानसभा से इस्तीफा देंगे और तीन दशक तक भाजपा के साथ रहने के बाद पार्टी से अलग हो जाएंगे. शेट्टार ने यह भी कहा था कि वह आगामी विधानसभा चुनाव निश्चित रूप से लड़ेंगे. इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बी के हरिप्रकाश ने कहा कि यदि शेट्टार उनकी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं, तो पार्टी उनका स्वागत करेगी. हरिप्रसाद ने शेट्टार को एक ‘ईमानदार मुख्यमंत्री’ करार देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में उन पर कोई आरोप नहीं लगे.
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वहीं, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने ‘उन्हें पार्टी में बनाए रखने’ के प्रयास किये थे. उन्होंने मीडिया के एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि शेट्टार को इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतारने के पार्टी के फैसले के पीछे कोई ‘साजिश’ नहीं है.
भाषा इनपुट के साथ