बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आज नतीजे घोषित होने वाले हैं. यह चुनाव भारत के सियासी पार्टियों के लिए 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. जीत हासिल करने के लिए भाजपा, कांग्रेस, जेडीएस समेत तमाम राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, जगदीश शेट्टार, भाजपा के बीएस येदियुरप्पा, येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र और जेडीएस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी बड़े चेहरे और दिग्गज राजनेता हैं, जिन पर बड़ा दांव लगा है. कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी जीत के लिए दावा कर रहे हैं. देखना यह है कि पिछले 10 मई को कर्नाटक के मतदाताओं ने किसके सिर ताज पहनाने के लिए वोट किया है, आज के नतीजों से तय हो जाएंगे. आइए, जानते रूबरू होते हैं कर्नाटक के इन दिग्गज नेताओं से…
डीके शिवकुमार
डोड्डालाहल्ली केम्पेगौड़ा शिवकुमार यानी डीके शिवकुमार का जन्म 15 मई 1962 को हुआ है और वे फिलहाल कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. वह एचडी कुमारस्वामी की कैबिनेट में सिंचाई राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. इससे पहले उन्होंने सिद्धारमैया सरकार के तहत कर्नाटक सरकार में ऊर्जा मंत्री के रूप में पदभार संभाला है. उन्होंने पिछले चुनाव में कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी. उन्होंने 1989 में एचडी देवेगौड़ा को सथानूर से हराया और सरकार में मंत्री बन गए. एचडी देवेगौड़ा के साथ बेंगलुरु ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिद्वंद्विता जारी रखी, कनकपुरा में केवल एक बार 2002 में एचडी देवेगौड़ा ने उनसे बेहतर प्रदर्शन किया. 1999 में उन्होंने एचडी कुमारस्वामी को सथानूर से हराया. शिवकुमार ने जेडीएस महारथी पीजीआर सिंधिया को भी कनकपुरा में हराया था, जब उन्होंने 2013 में चुनावों के दौरान कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की थी. इसमें शिवकुमार को 1,00,007 और जेडीएस के पीजीआर सिंधिया को 68,583 वोट मिले थे. 2018 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने लगभग 80,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
सिद्धरमैया
सिद्धरमैया कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक हैं. यहां से अगर कांग्रेस को जीत मिलती है, सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वे 2013 से 2018 तक राज्य में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर चुके हैं. अगर पार्टी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नंबर पा लेती है तो एक बार फिर वे सीएम पद की पसंद हो सकते हैं. 76 साल के सिद्धारमैया की उम्र और पिछली सरकार के लिए कुछ फैसले उनके खिलाफ भी जा सकते हैं, जिसने हिंदू और लिंगायत समुदाय के बीच उनकी लोकप्रियता घटा दी थी. इनमें टीपू सुल्तान का महिमामंडन करना और पीएफआई और एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं की रिहाई शामिल थी.
जगदीश शेट्टार
जगदीश शिवप्पा शेट्टार का जन्म 17 दिसम्बर 1955 को हुआ और वे कर्नाटक राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वे भाजपा के पूर्व सदस्य के रूप में कर्नाटक विधानसभा की हुबली ग्रामीण सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं. इससे पहले वह 2008-2009 के दौरान कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष थे. इनके पिता एसएस शेट्टार जनसंघ के वरिष्ठ नेता थे और हुबली-धारवाड़ के पांच बार महापौर रह चुके हैं. इनके चाचा सदाशिव शेट्टार दक्षिण भारत के जनसंघ के प्रभावी नेता थे और वे हुबली शहर से 1967 में विधायक चुने गए. जगदीश शेट्टार बी. कॉम और एल.एल.बी की डिग्री प्राप्त की है. जगदीश शेट्टार ने अपने राजनितिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की और बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए. 1990 में वे भाजपा के हुबली ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष चुने गए और 1994 में धारवाड़ जिला इकाई के अध्यक्ष चुने गए. 1994 में वे पहली बार विधायक चुने गए. 1996 में वे भाजपा के राज्य सचिव और 1999 में वे कर्नाटक विधानसभा में नेता विपक्ष चुने गए. 2005 में वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हुए फिर इसी साल वे भाजपा-जनता दल (सेक्युलर) की गठबंधन सरकार में राजस्व मंत्री बने.
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एचडी कुमारस्वामी
हरदनहल्ली देवेगौड़ा कुमारस्वामी का जन्म 16 दिसंबर 1959 को हुआ. उन्होंने 23 मई 2018 से 23 जुलाई 2019 तक कर्नाटक के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. वह जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व अध्यक्ष और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री होने के साथ भारत के पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे हैं. कुमारस्वामी ने 2006 से 2007 और 2018 से 2019 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में दो कार्यकालों में कार्य किया है. उन्होंने 23 जुलाई 2019 को अपनी गठबंधन सरकार द्वारा भारतीय जनता पार्टी के लिए 15वीं विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.