Karnataka Election: ‘किसमें किसका खून!’ मुद्दे पर छिड़ी जंग, आमने-सामने हिमंता बिस्वा सरमा और डीके शिवकुमार
Karnataka Election: कर्नाटक चुनाव को लेकर प्रचार पर उतरे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. डीके शिवकुमार टीपू सुल्तान के वंशज हैं हिमंता के इस बयान पर शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा है कि हिमंता में कांग्रेस का खून है.
Karnataka Elections 2023: कर्नाटक चुनाव प्रचार के खत्म होने का समय जैसे-जैसे पास आता जा रहा है, सियासी दलों की गतिविधियां भी तेज हो गई है. रविवार को कांग्रेस, बीजेपी, जेडीएस समेत कई दलों के नेताओं ने विभिन्न जगहों पर रैली और सभा कर रहे हैं. इसी कड़ी में नेताओं के बीच जुबानी जंग भी जारी है. ताजा मामला असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा और कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार का है. दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर जुबानी हमले किए हैं.
हिमंता के बयान के बाद छिड़ा विवाद: कर्नाटक चुनाव को लेकर प्रचार पर उतरे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. दरअसल, हिमंता ने अपने एक बयान में कहा था कि डीके शिवकुमार टीपू सुल्तान के वंशज हैं. इस बयान के बाद शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि हिमंता को पता होना चाहिए कि उनका खून कांग्रेस का है. यही नहीं, शिवकुमार ने यह भी कहा कि अब उन्होंने अपना खून बदल दिया है. शिवकुमार को अपने खून पर गर्व होना चाहिए.
हिमंता बिस्वा सरमा ने किया पलटवार: वहीं डीके शिवकुमार के बयान पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मेरी रगों में बहने वाला खून मेरे माता-पिता, मेरे राज्य और मेरे देश से आता है और मुझे इस बात पर बहुत गर्व है. मैं डीके शिवकुमार जी से अनुरोध करता हूं कि वे, उनके माता-पिता, कर्नाटक की पवित्र भूमि और भारत माता से उनके रगों में बहने वाले खून पर गर्व करें. बता दें, डीके शिवकुमार ने कहा था कि हिमंता बिस्वा सरमा जब भी डिबेट के लिए तैयार होंगे मैं उनसे मेरे और उनके DNA के बारे में बात करूंगा. उन्हें पता होना चाहिए कि उनका DNA कांग्रेस का है.
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सोमवार शाम थम जाएगा कर्नाटक चुनाव के लिए प्रचार अभियान: गौरतलब है कि कर्नाटक में 10 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए जोरशोर से जारी प्रचार अभियान सोमवार शाम को समाप्त हो जाएगा. वहीं, रविवार को भी राज्य के तीन प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस) ने मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी. इन दलों के प्रमुख नेताओं ने बीते काफी दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों का तूफानी दौरा कर जमकर प्रचार किया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में क्रमिक रूप से बदलाव होने की 38 साल पुरानी परंपरा को तोड़ने और दक्षिण भारत में अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है. वहीं, भाजपा से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस अपनी ओर से कड़ी मेहनत कर रही है.
भाषा इनपुट के साथ