Karnataka Elections 2023: हाल ही में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने से उत्साहित आम आदमी पार्टी (AAP) कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में अपना खाता खोलने की उम्मीद कर रही है. कर्नाटक में कुल 224 निर्वाचन क्षेत्रों में से ‘आप’ ने लगभग 200 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की योजना बनाई है. AAP ने 2013 का कर्नाटक चुनाव नहीं लड़ा था. वहीं, 2018 में 28 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद भी पार्टी अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रही थी. पार्टी ने इस चुनाव में महज 0.06 फीसदी वोट शेयर हासिल किया था और इसके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी, लेकिन पांच साल में बहुत कुछ बदल गया है.
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने न केवल पंजाब में चुनाव जीता, बल्कि इसने दिल्ली से बाहर भी अपना जाल फैलाया और गुजरात एवं गोवा के चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. वहीं, अब पार्टी कर्नाटक में अपनी छाप छोड़ने के प्रयास में जुटी है. ‘आप’ अभियान समिति के अध्यक्ष चंद्रू ने कहा, हमारी पार्टी मजबूत बनकर उभरी है और यह निश्चित रूप से एक ताकत है. अरविंद केजरीवाल का प्रभाव अच्छी तरह से स्पष्ट है. हाल के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन और राष्ट्रीय पार्टी का टैग मिलने से हमें सर्पोट मिलेगा.
आप ने 168 उम्मीदवारों की घोषणा की है और जल्द ही लगभग 30 उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी करने की उम्मीद है. चंद्रू ने कहा कि पार्टी को कम से कम 15 सीटों पर अच्छे प्रदर्शन का भरोसा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि बेंगलुरु शहर में सबसे अधिक सीटों पर उसकी उपस्थिति महसूस की जाएगी. गडग जिले की रॉन सीट से इसके उम्मीदवार अनेकल डोड्डैया सबसे अधिक जीतने योग्य प्रत्याशी के रूप में उभर रहे हैं. इस सीट पर परंपरागत रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखा गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि डोड्डैया की मजबूत उपस्थिति ने यहां पहली बार एक त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है और अगर आप ने उलटफेर किया तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा. जबकि, कांग्रेस ने जीएस पाटिल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. जबकि, भाजपा को अभी यह तय करना है कि मौजूदा विधायक कलाकप बंदी को बदलना है या नहीं.
डोड्डैया पिछले साल आप में शामिल हुए थे और 2.3 लाख मतदाताओं में कुरुबा के लगभग 60,000 मतदाताओं की संख्या के बाद से रॉन को चुना. दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा पंचमसाली लिंगायतों का है, जो इससे नाराज हैं. पार्टी के रूप में कांग्रेस लगातार दूसरी बार रेड्डी लिंगायत को मैदान में उतार रही है. वहीं, बंदी को जबरदस्त एंटी-इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है. डोड्डैया ने कहा, मैं लगभग दो साल से निर्वाचन क्षेत्र में काम कर रहा हूं और मतदाताओं के साथ अच्छा तालमेल स्थापित किया है. इसके अलावा, जातिगत समीकरण और मौजूदा राजनीतिक स्थिति मेरे लिए अनुकूल है. हालांकि, भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारियों ने डोड्डैया की संभावनाओं को खारिज कर दिया. भाजपा महासचिव महेश तेंगिनाकयी ने कहा, वह एक बाहरी व्यक्ति है. इसके अलावा, AAP की यहां उपस्थिति नहीं है. रॉन के अलावा, आप के पदाधिकारियों को महालक्ष्मी लेआउट, बीदर दक्षिण और देवनहल्ली में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है.