Akshay Kanti Bam: पिछले 35 साल से इंदौर लोकसभा सीट पर जीत की बाट जोह रही कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना पर्चा वापस ले लिया. नामांकन वापस लेने के बाद से उनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलें लग रही थी.
बीजेपी विधायक के साथ पर्चा वापस लेने पहुंचे थे बम
स्थानीय भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया. लौटते वक्त वह पत्रकारों के सवालों को अनसुना करते हुए मेंदोला के साथ गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए. इंदौर सीट के उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल (सोमवार) थी. इस क्षेत्र में 13 मई को मतदान होगा और चार जून को मतगणना की जाएगी.
कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस छोड़ने के साथ ही बम का बीजेपी में किया था स्वागत
बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अक्षय बम का बीजेपी में पहले ही स्वागत कर लिया था. विजयवर्गीय ने अक्षय के साथ अपनी तस्वीर एक्स पर पोस्ट किया था और लिखा था, इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है. मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर जो तस्वीर पोस्ट की है उसमें बम उनके साथ कार में बैठे नजर आ रहे हैं. गाड़ी में उनके साथ भाजपा विधायक मेंदोला भी नजर आए. मेंदोला को विजयवर्गीय का विश्वस्त माना जाता है.
कौन हैं अक्षय कांति बम
भाजपा का मजबूत गढ़ कहे जाने इंदौर में कांग्रेस ने एकदम नये-नवेले चेहरे बम (45) को अपना उम्मीदवार बनाया था. बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है. बम ने अपने राजनीतिक कॅरियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. कांग्रेस ने उन्हें इंदौर से ऐसे वक्त उम्मीदवारी का मौका दिया था, जब जिले में कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों समेत पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता लोकसभा चुनावों से पहले पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं. इंदौर सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी (62) और बम के बीच होना माना जा रहा था. मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है जहां भाजपा ने इस बार आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है.
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