Lok Sabha Election 2024: केरल में ‘7 भाषाओं की भूमि’ कासरगोड में बीजेपी ने उतारी बहुभाषी उम्मीदवार, जानें अश्विनी एमएल को

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 शुरू होने में अब चंद दिन शेष रह गए हैं. 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए मतदान किया जाना है. बीजेपी, कांग्रेस सहित तमाम पार्टियां उम्मीदवारों की सूची जारी कर रही हैं. वैसे में केरल में कासरगोड सीट इन दिनों चर्चा में है. चर्चा इसलिए क्योंकि इसे 7 भाषाओं की भूमि कहा जाता है. इसके अलावा, चर्चा इसलिए भी क्योंकि यहां से बीजेपी ने एक ऐसे उम्मीदवार पर दांव लगाया, जो खुद बहुभाषी हैं. जी, हां बीजेपी ने एक 38 साल की शिक्षिका अश्विनी एमएल को मैदान में उतारा है. तो आइये बीजेपी उम्मीदवार के बारे में जानें.

By Agency | March 24, 2024 6:28 PM
an image

Lok Sabha Election 2024: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार शिक्षिका अश्विनी एमएल इन दिनों कासरगोड लोकसभा क्षेत्र में प्रसन्नचित्त मुस्कान और मिलनसार व्यवहार के साथ कई भाषाओं में लोगों से वोट मांगते हुए बेहद चर्चा में हैं. कासरगोड में लोगों के साथ बातचीत करते समय वो सहजता से मलयालम, कन्नड़ और तुलु बोलती हैं. कासरगोड को ‘सात भाषाओं की भूमि’ के रूप में जाना जाता है, जहां काफी संख्या में लोग मराठी, कोंकणी, बयारी और उर्दू बोलते हैं.

मलयालम, कन्नड़ और तुलु के अलावा तमिल, हिंदी व अंग्रेजी भी जानती हैं अश्विनी एमएल

राज्य में 26 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा के महिला मोर्चे की नेता अश्विनी की उम्मीदवारी ने सब चौंका दिया था. अब वह अपने भाषाई कौशल का इस्तेमाल कर चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं. हालांकि शुरुआत में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में थे, लेकिन अश्विनी को उस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया जो लंबे समय तक वामपंथियों का गढ़ रहा था. अश्विनी ने कहा कि वह मलयालम, कन्नड़ और तुलु के अलावा तमिल, हिंदी और अंग्रेजी से भी परिचित हैं. उन्होंने कहा, इससे मुझे चुनाव प्रचार के दौरान अतिरिक्त आत्मविश्वास मिलता है. उन्होंने कहा, चूंकि मेरा जन्म, पालन-पोषण और पढ़ाई बेंगलुरु में हुई, इसलिए बचपन से ही कन्नड़ मेरे जीवन का हिस्सा रही है. चूंकि हमारे पड़ोसी तमिलनाडु से थे और दोस्त उत्तर भारतीय राज्यों से थे, इसलिए तमिल और हिंदी सीखने में कोई कठिनाई नहीं हुई.

कासरगोड जिला अपनी भाषाई विविधता के लिए जाना जाता है

पड़ोसी राज्य कर्नाटक से लगा कासरगोड जिला अपनी भाषाई विविधता के लिए जाना जाता है. वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां 82.07 फीसदी लोग मलयालम, 4.02 फीसदी लोग कन्नड़, 8.08 फीसदी लोग तुलु और 1.8 फीसदी लोग मराठी बोलते हैं. लगभग 30,000 और 25,000 लोग क्रमशः उर्दू और कोंकणी बोलते हैं.

ऐसा रहा था 2019 का चुनाव

साल 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के राजमोहन उन्नीथन ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सतीश चंद्रन को लगभग 40,000 वोटों से हराया. उन्नीथन को 4,74,961 वोट मिले, वहीं चंद्रन ने 4,34,523 हासिल किए जबकि भाजपा उम्मीदवार रवीशा तंत्री कुंतार को केवल 1,76,049 वोट मिले.

Also Read: सीएम की गिरफ्तारी और अकाउंट फ्रीज के विरोध में 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला में महारैली

Exit mobile version