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Buxar Lok Sabha Election Result 2024: बक्सर से राजद के सुधाकर सिंह जीते, बीजेपी के मिथिलेश तिवारी को दी शिकस्त

Buxar Lok Sabha Chunav Result 2024: बक्सर में इस बार का लोकसभा चुनाव रोमांचक है. यहां एनडीए के मिथिलेश तिवारी और महागठबंधन का आमने-सामने का मुकाबला है लेकिन दो निर्दलीय प्रत्याशी आनंद मिश्र और ददन यादव ने भी यहां कड़ी फाइट दे रहे हैं

Buxar Lok Sabha Election Result 2024: बक्सर लोकसभा सीट पर मतगणना के दौरान प्रत्याशियों में जीत हार को लेकर संशय बना रहा. किसी राउंड में भाजपा के मिथिलेश तो किसी राउंड में राजद के सुधाकर को हजार से दो हजार की मतों के अंतर से बारी – बारी बढ़त मिलती रही. लेकिन इसके बाद राजद के सुधाकर सिंह को जो बढ़त मिलनी शुरू हुई तो उनकी बढ़त की गति रूक नहीं पायी. भाजपा के मिथिलेश तिवारी पिछड़ते गये. मतगणना पूरी होने तक सुधाकर सिंह ने 30091 वोटों की बढ़त बना ली और भाजपा के मिथिलेश तिवारी को परास्त कर दिया. सुधकार सिंह को 438345 वोट मिले, वहीं मिथिलेश तिवारी ने 408254 मत हासिल किये.

गंगा किनारे बसे बक्सर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने यहां से लगभग सभी पार्टियों को प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया. यहां से भाजपा, कांग्रेस, राजद और वामपंथ के प्रातनिधि भी जीत कर संसद पहुंचे हैं. इस सीट पर मुख्य रूप से एनडीए समर्थित भाजपा के प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी और महागठबंधन की ओर से राजद के प्रत्याशी सुधाकर सिंह के बीच सीधी लड़ाई रही, लेकिन दो निर्दलीय प्रत्याशी आइपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में पहली बार भाग्य आजम रहे आनंद मिश्रा और ददन यादव के साथ बसपा के अनिल चौधरी ने लड़ाई को रोचक बना दिया.

बक्सर की लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा और राजद दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर थी. इसका कारण रहा कि भाजपा ने बक्सर से दो बार के सांसद और मौजूदा केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का टिकट काट कर पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी को यहां से उम्मीदवार बनाया है. वहीं महागठबंधन ने राजद के सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा. जो की बिहार में मंत्री रह चुके हैं और राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र हैं.

बक्सर में इस बार अश्विनी चौबे को टिकट नहीं मिलने से भाजपा प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी के सामने ब्राह्मण वोट में सेंधमारी रोकने की चुनौती थी, तो दूसरी ओर ददन यादव भी महागठबंधन प्रत्याशी सुधाकर सिंह के परंपरागत वोट में सेंधमारी की कोशिश में जुटे थे. दोनों गठबंधनों ने अपने वोट बैंक को एकजुट रखने के लिए कई चुनावी सभाएं कीं.

एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री, यूपी और असम के सीएम ने यहां जनसभाएं की. राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जाति में सेंधमारी करने के लिए भाजपा ने यहां स्थानीय राजपूत नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा. वहीं, राजद नेता तेजस्वी, वीआईपी के मुकेश सहनी समेत कई नेताओं ने भी जोर लगाया. इधर, मायावती ने भी बसपा प्रत्याशी के पक्ष में सभा की.

महर्षि विश्वामित्र की भूमि कहे जाने वाले बक्सर में राजद के जगदानंद सिंह को छोड़कर हर उम्मीदवार ने 1980 के बाद से कम से कम दो लगातार लोकसभा चुनाव जीते हैं. यहां से 1980 और 84 में कांग्रेस के प्रोफेसर केके तिवारी जीत कर संसद पहुंचे थे. इसके बाद यह सीट सीपीआई के पास चली गई. सीपीआई के तेजनारायण सिंह ने यहां से 1989 और 1991 का चुनाव जीता.

इसके बाद 1996 से लगातार चार बार 2004 तक भाजपा के लालमुनी चौबे चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. वहीं 2009 में राजद के जगदानंद सिंह ने यहां से जीत हासिल की. इसके बाद 2014 के मोदी लहर में भाजपा के अश्विनी कुमार चौबे ने चुनाव जीता. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अश्विनी कुमार चौबे ने जीत हासिल की. इस चुनाव में चाबे को कुल चार लाख 73 हजार वोट मिले थे. जबकि, उनके प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी राजद के जगदानंद सिंह को कुल तीन लाख 55 हजार वोट मिले थे.

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