केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान संबलपुर लोकसभा सीट से जीते, एक लाख से ज्यादा वोटों से BJD प्रत्याशी को हराया

dharmendra pradhan sambalpur seat result 2024: ओडिशा की हॉट सीट में से एक संबलपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी धर्मेंद्र प्रधान चुनाव जीत गये हैं. धर्मेंद्र प्रधान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजद प्रत्याशी प्रणब प्रकाश दास को 1,19, 836 मतों से हरा दिया है.

By Pritish Sahay | June 4, 2024 11:27 PM

Dharmendra Pradhan Sambalpur Seat Result 2024: केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र प्रधान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजद प्रत्याशी प्रणब प्रकाश दास को 1,19, 836 मतों से हराकर संबलपुर लोकसभा सीट जीत ली है. प्रधान को 5,92,162 वोट जबकि दास को 4,72,326 वोट मिले. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार नागेंद्र कुमार प्रधान 89,113 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा में बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाने हैं. बीजेपी ने उन्हें ओडिशा में संबलपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. धर्मेंद्र प्रधान  2000 में विधायक रहे, 2004 में रायगढ से बीजेपी सांसद भी चुने गए. दो बार राज्यसभा में रहने के बाद उन्होंने संबलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा. सबसे बड़ी बात की रायगढ़ अब संबलपुर  लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है. धर्मेंद्र प्रधान की ओडिशा में बीजेपी के जमीन से जुड़े नेता के रूप में पहचान है. केंद्र सरकार की उज्जवला योजना को ओडिशा के घर घर पहुंचाने का श्रेय धर्मेंद्र प्रधान को ही जाता है. और जनता के बीच वो काफी लोकप्रिय भी हैं. अपने चुनाव प्रचार के दिनों में उन्होंने वहां की परंपरागत वेशभूषा धोती- कुर्ता को ही तरजीह दी है. ताकी पूरे राज्य में यह संदेश जाए कि वो स्थानीय ही हैं.

संबलपुर लोकसभा सीट
संबलपुर लोकसभा क्षेत्र में मिश्रित आबादी वाला इलाका है. यहां बड़ी संख्या में झारखंड और छत्तीसगढ़ के लोग भी रहते हैं. धर्मेंद्र प्रधान इसी संबलपुर सीट से अपनी किस्मत आजमाया.  2019 के लोकसभा चुनाव में संबलपुर से बीजेपी के उम्मीदवार नितेश गंगा देब ने ही जीत दर्ज की थी. वहीं 2024 के चुनाव में गंगा देव का टिकट काटकर बीजेपी ने धर्मेंद्र प्रधान अपना उम्मीदवार बनाया.  धर्मेन्द्र प्रधान की गिनती जमीन से जुड़े नेता के रूप में होती है. चुनाव प्रचार के समय उनका मुख्य नारा मोदी की गारंटी और मिट्टी का बेटा था.

कांग्रेस की गढ़ हुआ करती थी संबलपुर
संबलपुर लोकसभा सीट शुरुआत में कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. 1967 से लेकर 1996 तक इस सीट से कांग्रेस लगातार जीती. में पहली बार कांग्रेस उम्मीदवार को यहां जीत मिली. इसके बाद बीजेडी के रूप में एक क्षेत्रीय पार्टी अस्तित्व में आई और 1998 से लेकर 2004 तक यह सीट कांग्रेस से छीन लिया. हालांकि 2009 में एक बार फिर यहां के लोगों ने कांग्रेस पर भरोसा जताया लेकिन साल 2014 में बीजेडी ने फिर इस सीट पर जीत दर्ज कर ली. 17वीं लोकसभा चुनाव यानी साल 2019 में इस सीट से बीजेपी ने बाजी मार ली.

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