खगड़िया के मतदाताओं का मन टटोलना मुश्किल, समाजवादियों को यहां मिलती रही सफलता

वर्ष 2008 के परिसीमन के बाद खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर, समस्तीपुर का हसनपुर, खगड़िया के अलौली, परबत्ता व बेलदौर विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया गया. यहां समाजवादियों को सफलता मिलती रही है. कांग्रेस प्रत्याशी दो बार ही जीत पाये

By Anand Shekhar | April 2, 2024 8:02 PM

सहरसा से विनय कुमार मिश्र. नदियों का नैहर कहे जाने वाले खगड़िया का लोकसभा क्षेत्र बार-बार कटता-जुड़ता रहा है. लोग कहते भी हैं कि फरकिया का यह इलाका कभी जमीन के मामले में स्थिर नहीं रहा, वैसे ही लोकसभा क्षेत्र के लिए भी बार-बार इसे विखंडित किया जाता रहा. इस इलाके को समझने के लिए राजनेताओं को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. अलग-अलग जिला, अलग-अलग मानसिकता व जरूरत वाले वोटरों के मन को टटोलने मुश्किल भरा काम रहा है. इस लोकसभा क्षेत्र में जाति-जमात तो चलता ही है, कम्युनिस्टों के कैडर वोट भी निर्णायक होते हैं. इसके साथ ही अल्पसंख्यक व दलित वर्ग जिस ओर झुकते हैं, उसका पलड़ा भारी रहता है. इस बार क्या होगा यह अभी तक स्पष्ट नहीं है.

खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में वर्ष 1952 से 1971 तक खगड़िया, बेगूसराय व भागलपुर के कुछ विधानसभा क्षेत्र शामिल थे. इनमें खगड़िया जिला के अलौली, खगड़िया, परबत्ता व चौथम विधानसभा क्षेत्र, बेगूसराय जिला के बखरी व बलिया विधानसभा क्षेत्र और भागलपुर जिला के बिहपुर व गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल थे. कुल सात विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर यह लोकसभा क्षेत्र बना था. वर्तमान में खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में खगड़िया जिला के चार विधानसभा क्षेत्रों परबत्ता, बेलदौर, खगड़िया, अलौली के साथ सहरसा जिला के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र और समस्तीपुर जिला के हसनपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.

कभी सोशलिस्ट पार्टी का गढ़ रहा है

वर्ष 2014 व 2019 में एनडीए गठबंधन के लोजपा से चौधरी महबूब अली कैसर सांसद रहे. एनडीए के साथ हुई सीट शेयरिंग में यह खगड़िया लोकसभा क्षेत्र लोजपा (आर) के हिस्से में आया है. इस पार्टी से चौधरी महबूब अली कैसर सांसद रहे हैं, लेकिन इस बार लोजपा ने चौधरी महबूब अली कैसर को टिकट से वंचित कर दिया है. यहां से भागलपुर वासी राजेश वर्मा को लोजपा (आर) ने अपना उम्मीदवार बनाया है. खगड़िया लोकसभा क्षेत्र सोशलिस्ट पार्टी का गढ़ रहा है.

वर्ष 1952 के प्रथम चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी से सुरेश चंद्र मिश्र, 1957 और 1962 में कांग्रेस से जियालाल मंडल, 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के विभाजन के बाद बनी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से कामेश्वर प्रसाद सिंह ऊर्फ राजा जी और 1971 में शिवशंकर प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की. 1976 के परिसीमन के बाद से बने खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के बखरी, बलिया व अलौली विधानसभा सीट नवगठित बलिया लोकसभा क्षेत्र में चला गये. 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर प्रसाद यादव विजयी हुए. 1980 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से सतीश प्रसाद सिंह जीते.

वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चंदेश्वर प्रसाद वर्मा ने जीत हासिल की. वर्ष 1989 के चुनाव में जनता दल उम्मीदवार रामशरण यादव विजयी रहे. वर्ष 1991 के मध्यावधि चुनाव में जनता दल के रामशरण यादव विजयी हुए. वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में जनता दल उम्मीदवार अनिल कुमार यादव चुनाव जीते. फिर 1998 में हुए मध्यावधि चुनाव में समता पार्टी के शकुनी चौधरी जीते. 1999 के लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड की उम्मीदवार रेणु कुमारी को जीत मिली.

2004 के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के रविंद्र कुमार राणा विजयी रहे. 2008 में संसदीय क्षेत्र के परिसीमन के बाद खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा, समस्तीपुर के हसनपुर विधानसभा, खगड़िया जिला के अलौली, खगड़िया, परबत्ता व बेलदौर विधानसभा को शामिल किया गया. परिसीमन के बाद 2009 में हुए चुनाव में जनता दल यू के दिनेश चंद्र यादव जीते.

एक नजर में खगड़िया लोकसभा क्षेत्र

  • मतदान केंद्र 1865
  • वोटर – 18,24,990
  • पुरुष वोटर- 9,56,937 पुरुष
  • महिला वोटर -8,68,053
  • थर्ड जेंडर- 50

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