Dulu Mahato Dhanbad Seat Result 2024: धनबाद में भाजपा के ढुलू महतो 331583 वोट से जीते, कांग्रेस की अनुपमा सिंह हारीं

Dulu Mahato Dhanbad Seat Result 2024: मजदूरों के लिए संघर्ष करके राजनीति में आए ढुलू महतो को 1999 में समरेश सिंह ने टाइगर की उपाधि दी थी.

By Mithilesh Jha | June 4, 2024 1:39 PM

Dulu Mahato Dhanbad Seat Result 2024: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ढुलू महतो धनबाद लोकसभा सीट पर 3,31,583 वोट के अड़े अंतर से जीत गए हैं. उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाली बेरमो के विधायक अनूप सिंह उर्फ कुमार जयमंगल की पत्नी अनुपमा सिंह हार गईं हैं. ढुलू महतो को 7,89,172 वोट मिले और अनुपमा सिंह को 4,57,589 वोट मिले. इस सीट पर 25 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे, जिसमें 20 को नोटा से कम वोट मिले. 7354 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना. यानी किसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं किया.

Dulu Mahato हैं बाघमारा के विधायक, मजदूर परिवार में हुआ जन्म

ढुलू महतो धनबाद जिले के बाघमारा के दबंग नेता हैं. उनका जन्म 12 मई 1975 को बाघमारा के चिटाही में हुआ. कोयला मजदूर पूना महतो और रुकवा महताइन के घर जन्मे ढुलू महतो 12वीं पास हैं. उनकी शुरुआती शिक्षा उत्क्रमित मध्य विद्यालय तुंडू से हुई. इंटर की पढ़ाई उन्होंने कतरास डीएवी इंटर कॉलेज से की. गरीबी की वजह से उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी. बोकारो जिले की सावित्री देवी से उनका विवाह हुआ.

मजदूरों की आवाज बुलंद की, संघर्ष से बनाई राजनीति में पहचान

कोयला मजदूरों के लिए आवाज बुलंद करने वाले ढुलू महतो ने काफी संघर्ष के बाद झारखंड की राजनीति में अपनी पहचान बनाई. महेशपुर कोलियरी में उनके पिता मजदूरी करते थे. चूंकि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, पूना महतो के सबसे छोटे बेटे ढुलू को सेल जोगीडीह कोलियरी में काम करना पड़ा.

दबे-कुचले की आवाज बने ढुलू महतो, इस तरह बढ़ा मान-सम्मान

कहते हैं कि उन दिनों कोलियरी में काम करने वाले मजदूरों को काफी परेशान और प्रताड़ित किया जाता था. ढुलू महतो इसे बर्दाश्त नहीं कर पाए और मजदूरों के समर्थन में आवाज बुलंद करने लगे. कुछ ही दिनों में वह मजदूरों के प्रिय बन गए. श्रमिकों की नजर में उनकी इज्जत बढ़ती गई. ढुलू ने भी उन्हें कभी निराश नहीं किया. कोलियरी के अंदर और बाहर लोगों की समस्या सुलझाने लगे.

1999 में विधायक समरेश सिंह ने दी ‘टाइगर’ की उपाधि

वर्ष 1999 में समरेश सिंह से मुलाकात हुई. इसके बाद उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया. समरेश सिंह उनके कार्यों से बेहद प्रभावित थे. ढुलू महतो के कार्यों को देखते हुए उन्होंने उनको ‘टाइगर’ की उपाधि दे डाली. इसके बाद ही ढुलू महतो ने ‘टाइगर फोर्स’ का गठन किया. कुछ ही दिनों में कोयलांचल में ‘टाइगर फोर्स’ लोकप्रिय हो गया.

बाबूलाल मरांडी ने पहली बार दिया विधायक बनने का मौका

वर्ष 2009 में झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने ढुलू महतो की संगठनात्मक क्षमता को पहचाना. उनको बाघमारा विधानसभा सीट से जेवीएम के टिकट पर चुनाव के मैदान में उतार दिया. ढुलू 56 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीते. ढुलू ने तब के कद्दावर नेता जलेश्वर महतो को पराजित किया.

2014 में ढुलू महतो ने थामा भाजपा का दामन, 86 हजार वोट से जीते

वर्ष 2014 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. ढुलू को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया. एक बार फिर ढुलू ने जलेश्वर महतो को पराजित कर दिया. बाघमारा में कमल खिला. इस बार ढुलू ने 86 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की. वर्ष 2019 में ढुलू महतो कांटे के मुकाबले में महज 824 वोट से जीत सके.

पीएन सिंह की जगह भाजपा ने ढुलू महतो को दिया लोकसभा का टिकट

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में धनबाद के कद्दावर नेता और कई बार सांसद रहे पीएन सिंह का टिकट काटकर ढुलू महतो को भाजपा ने चुनाव लड़ने का मौका दिया. उनके खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने अनुपमा सिंह को मैदान में उतारा. बता दें कि ढुलू महतो पर 20 आपराधिक मामले दर्ज हैं. 2 मामलों में उनको दोषी ठहराया जा चुका है. ढुलू महतो ने जेल की सजा भी भुगती है.

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