Jyotiraditya Scindia Guna Seat Result 2024: गुना लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिधिंया ने बड़ी जीत दर्कज की है. उन्होंने 5 से ज्यादा वोटों से रिकॉर्ड जीत हासिल की है. उनके सामने मुकाबले में कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह यादव नहीं ठहर सके. मध्य प्रदेश में तीसरे चरण के लोकसभा चुनाव में गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र के लिए मतदान हुआ था. इस सीट से बीजेपी ने दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारा है जो पहले कांग्रेस में थे. वहीं कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह यादव पर इस सीट से भरोसा जताया है. साल 2019 की बात करें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार यहां से हुई थी. यहीं वजह है कि सबकी निगाह इस हॉट सीट पर है.
सिंधिया परिवार का गढ़ है गुना
गुना लोकसभा सीट की बात करें तो यह सिंधिया परिवार का गढ़ है. इस सीट पर सिंधिया राजघराने का ही दबदबा नजर आता रहा है. ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया ही इस सीट पर ज्यादातर जीतते नजर आ चुके हैं. यही वजह है कि इस बार बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को यहां से मैदान में उतारा है. ज्योतिरादित्य, सिंधिया राजघराने के तीसरी पीढ़ी के नेता हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में खास बातें
- ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हुआ था.
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 1993 में हावर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की डिग्री प्राप्त की.
- साल 2001 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्टैनफोर्ड ग्रुजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की डिग्री ली.
- ज्योतिरादित्य 1984 बड़ौदा के गायकवाड़ घराने की प्रियदर्शिनी से शादी के बंधन में बंधे
- ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे का नाम महा आर्यमान जबकि बेटी का नाम अनन्याराजे है.
विरासत में मिली है राजनीति
ज्योतिरादित्य सिंधिया को राजनीति विरासत अपने पिता स्व. माधवराव सिंधिया से मिली है जिसे वे आगे बढ़ा रहे हैं. माधवराव सिंधिया की बात करें तो उनकी गिनती अपने समय के दिग्गज कांग्रेस नेता में होती थी. शुरुआत में जनसंघ के टिकट से चुनाव लड़ने के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया.
जानें ये खास बात
- गुना लोकसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 75 हजार 724 है.
- यहां पुरुष मतदाता 8 लाख 89 हजार 161 हैं जबकि महिला मतदाता 7 लाख 86 हजार 519 है.
- गुना लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ.
- इस सीट पर हुए पहले चुनाव में विजयाराजे सिंधिया ने जीत हासिल की थी.
पहली बार कहां से लड़ा चुनाव
बात 30 सितंबर 2001 की है जब विमान हादसे में स्व. माधवराव सिंधिया मौत हो गई. पिता की मौत के बाद विदेश से ज्योतिरादित्य लौटे और राजनीति में उतरने का फैसला किया. ज्योतिरादित्य 2002 में पहली बार पिता के देहांत के बाद उनकी पारंपरिक गुना सीट से चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज करके संसद पहुंचे. 2004 में भी उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा और जनता का भरोसा पाया. यूपीए सरकार में पहली बार 2007 में सिंधिया ने केंद्रीय राज्य मंत्री का पदभार संभाला.