मंडी लोकसभा चुनाव 2024 : भाजपा के असंतुष्टों, पूर्व शाही परिवार के असर से कंगना रनौत की राह नहीं आसान
बॉलीवुड में कई दमदार किरदार निभाने वाली कंगना रनौत राजनीति के मैदान में उतर गईं हैं. हिमाचल के मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहीं हैं. क्या हैं उनकी मुश्किलें, पढ़ें...
हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के असंतुष्टों और पूर्व शाही परिवार के प्रभाव के कारण पार्टी की उम्मीदवार कंगना रनौत की राह मुश्किल हो सकती है.
पहली बार चुनाव के मैदान में कंगना रनौत
बॉलीवुड में अपने अभिनय का जलवा बिखेरने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत पहली बार चुनाव मैदान में हैं और भाजपा ने उन्हें इस सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है. भाजपा की हिमाचल प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष एवं तीन बार सांसद रह चुके कुल्लू के पूर्व शाही परिवार के वंशज महेश्वर सिंह ने पार्टी आलाकमान से रनौत को टिकट देने संबंधी फैसले की समीक्षा करने को कहा है.
वहीं, भाजपा के जिन असंतुष्टों ने 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, उन्होंने रणनीति तैयार करने के लिए एक बैठक की है.
रामलाल मारकंडा ने समर्थकों के साथ पार्टी से दिया इस्तीफा
राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में मतदान करने वाले कांग्रेस के बागी विधायक रवि ठाकुर को लाहौल और स्पीति से विधानसभा उपचुनाव के लिए टिकट दिये जाने के बाद भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
- बॉलीवुड की अभिनेत्री कंगना रनौत को टिकट मिलने से नाराज नेता छोड़ रहे पार्टी
- विधानसभा चुनाव में पार्टी के फैसले से असहमत हुए नेता इस चुनाव में निकाल रहे बदला
- कंगना को उम्मीद है कि मतदान की तारीख आने तक सुलझ जायेगा नाराजगी का मसला
मारकंडा ने कहा, मैंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा छोड़ दी है और निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव लड़ूंगा. उन्होंने कहा कि उनके कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने की संभावना है.
सीट समीकरण
मंडी संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा सीट शामिल हैं. इनमें से आठ अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. मंडी लोकसभा क्षेत्र में पूर्व शाही परिवारों का अच्छा-खासा प्रभाव रहा है और इनके वंशजों ने इस सीट के लिए हुए दो उपचुनावों सहित 19 चुनावों में से 13 में जीत हासिल की है.
बहन-बेटी बन कर नैया पार लगाने में जुटीं कंगना
रनौत एक रोड शो और रैली के साथ दो दिन पहले अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर चुकी हैं. रनौत ने अपनी पहली चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खुद को मंडी के लोगों की बेटी और बहन बताया.
पार्टी में कंगना रनौत का कोई योगदान नहीं : महेश्वर सिंह
भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह ने पार्टी आलाकमान से रनौत को टिकट देने संबंधी फैसले की समीक्षा करने का आग्रह करते हुए कहा कि पार्टी में रनौत का ‘कोई योगदान नहीं है’ और दावा किया कि उन्हें (सिंह को) टिकट देने का वादा किया गया था.
सिंह ने कहा, मंडी के लोग मुखर हो गये हैं तथा फैसले की समीक्षा करने की सोशल मीडिया पर मांग कर रहे हैं. इस फैसले की समीक्षा करने पर भाजपा आलाकमान के साथ बातचीत जारी है. मुझे पहले टिकट देने का वादा किया गया था.
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कंगना रनौत की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह, भाजपा के पूर्व महासचिव राम सिंह और पूर्व विधायक किशोरी लाल ने भाजपा के अन्य असंतुष्ट नेताओं के साथ बैठक की. इन तीनों ने भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद 2022 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था.
मौजूदा सांसद टिकट पाने की दौड़ से हट गयीं
कांग्रेस की प्रदेश इकाई की प्रमुख एवं मंडी सीट से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह पहले ही पार्टी का टिकट पाने की दौड़ से हट गयी थीं. वह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी एवं हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह की मां हैं.
प्रतिभा ने रनौत को भाजपा उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद अपने रुख में बदलाव किया है. उन्होंने दावा किया कि जमीनी स्थिति ठीक नहीं है और कार्यकर्ता निराश हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों का पालन करेंगी.
वह कहती हैं, वीरभद्र सिंह से लोगों का भावनात्मक लगाव है और यही कारण है कि लोग हमेशा हमारे परिवार का समर्थन करते हैं और चाहते हैं कि इस परिवार से कोई इस चुनाव में उतरे.
कंगना रानौत के लिए राहत भी
रनौत के लिए राहत की बात यह है कि कारगिल युद्ध के नायक एवं भाजपा नेता खुशाल ठाकुर ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, इस संसदीय क्षेत्र में एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक हैं.