Khunti Lok Sabha Election Result 2024: झारखंड की सबसे हाईप्रोफाइल सीट खूंटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा ने उन्हें 1,49,675 वोटों से पटखनी दी है. कालीचरण मुंडा को कुल 5,11,647 वोट मिले हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को 3,61,972 वोट मिले हैं.
विधानसभा में मिले इतने वोट
विस क्षेत्र | कांग्रेस | भाजपा |
खरसावां | 89,910 | 74,960 |
तमाड़ | 75,786 | 69,798 |
तोरपा | 79,260 | 43,840 |
खूंटी | 96,399 | 48,804 |
सिमडेगा | 81,691 | 72,273 |
कोलेबिरा | 80,951 | 48,401 |
पोष्टल वोट | 7650 | 3896 |
कुल वोट | 511647 | 361972 |
Khunti Lok Sabha झारखंड की सबसे हाई प्रोफाइल सीट में एक
झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट सबसे हाई प्रोफाइल सीट में से एक है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि इस सीट से खुद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि दूसरी वजह ये भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली. चुनाव शुरु होने से पहले ही यह सीट चर्चा में रही थी, क्योंकि उनके नामांकन के वक्त रक्षा मंत्री खुद शामिल हुए थे. वहीं, बीते साल पीएम मोदी खूंटी में बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर कई योजनाओं की सौगत भी दी थी. दूसरी तरफ, इस सीट को जीतने के लिए इंडिया ने भी एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था. सीएम चंपाई सोरेन ने यहां पर कालीचरण मुंडा के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित किया. वहीं राहुल गांधी ने भी गुमला के बसिया में उनके पक्ष में रैली की.
खूंटी सीट पर बीते तीन बार से भाजपा का रहा है कब्जा
खूंटी लोकसभा सीट के इतिहास पर अगर हम नजर डालें तो बीते तीन बार से यहां पर भाजपा का कब्जा रहा है. साल 2009 से 2014 तक बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व डिप्टी स्पीकर कड़िया मुंडा यहां से सांसद रहे. जबकि साल 2019 में पार्टी ने उनकी जगह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को अपना उम्मीदवार बनाया. जिसमें कड़े मुकाबले में अर्जुन मुंडा ने कालीचरण मुंडा को हरा दिया. कांग्रेस ने साल 2004 में यहां पर आखिरी बार जीत दर्ज की थी. उस वक्त कांग्रेस उम्मीदवार सुशीला केरकेट्टा ने कड़िया मुंडा ने हरा दिया था.
अनुसूचित जनजाति के रहे हैं निर्णायक
खूंटी सीट पर किसी भी प्रत्याशी की हार जीत में अनुसूचित जनजाति के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. क्योंकि अनुसूचित जनजाति की आबादी यहां 64.85 फीसदी है. जबकि सामान्य एवं अन्य वर्ग की आबादी 28.71% फीसदी है. वहीं, नुसूचित जाति की आबादी 6.44 प्रतिशत है.
6 विधानसभा आता है खूंटी संसदीय सीट के अंदर
खूंटी संसदीय सीट के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा आता है. इनमें खरसांवा, खूंटी, कोलेबिरा, सिमडेगा, तमाड़, तोरपा शामिल हैं. ग्रामीण बहुल इस क्षेत्र की कुल जनसंख्या 17 लाख 25 हजार 970 है.
भाजपा का गढ़ रहा है खूंटी
खंटी को भाजपा का गढ़ा माना जाता है. क्योंकि भाजपा की टिकट पर कड़िया मुंडा यहां से 5 बार सांसद रहे. साल 1989 में भाजपा ने अपना खाता खोला था. उसके बाद से 1991, 1996, 1998 और 1999 तक लगातार जीत दर्ज की. लेकिन साल 2004 में कांग्रेस ने वापसी की और सुशीला केरकेट्टा ने कड़िया मुंडा को हरा दिया. इससे पहले साल 1984 में कांग्रेस के साइमन तिग्गा ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 1971 के आम चुनाव में मिरल एनम में होरो ने जीत दर्ज की थी.
दिलचस्प रहा था 2019 का लोकसभा चुनाव
खूंटी लोकसभा सीट पर साल 2019 का चुनाव बेहद दिलचस्प रहा था. कालीचरण मुंडा और अर्जुन मुंडा के बीच कांटे का मुकाबला हुआ था. लेकिन अंत में अर्जुन मुंडा ने बाजी मार ली. भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा को 3 लाख 82 हजार 638 वोट मिले थे तो वहीं, कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को 3 लाख 81 हजार 93 वोट मिल था. वहीं, दोनों पार्टियों के वोट प्रतिशत पर नजर डालें तो ज्यादा अंतर नहीं था. भाजपा को जहां 45.97% वोट मिले था तो कांग्रेस को 45.80% वोट मिला था.
खूंटी लोकसभा सीट का इतिहास
खूंट लोकसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आया. उस वक्त कांग्रेस की टिकट पर जयपाल सिंह मुंडा ने पी कच्छप को हरा दिया. लेकिन साल 1991 में निर्दलीय प्रत्याशी निरल एनम होरो ने बाजी मारी थी. उन्होंने भारतीय जनसंघ की टिकट पर खड़े कड़िया मुंडा को हराया था. साल 1977 के चुनाव में कड़िया मुंडा ने पहली बार जीत का स्वाद चखा. उन्होंने झारखंड पार्टी के निरेल मुंडू को हरा दिया था. साल 1980 में झारखंड पार्टी ने खूंटी का लोकसभा जीतकर अपना खाता खोला. उस वक्त झापा प्रत्याशी मिरेल एनेम होरो ने भारतीय लोकदल के उम्मीदवार कड़िया मुंडा को हरा दिया था.