Lok Sabha Election 2024: जमशेदपुर, संदीप सावर्ण: लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन बीजेपी एक-एक सीट पर जीत का गणित साधने के लिए हर दांव चल रही है. इसी कड़ी में सोमवार को झारखंड से कांग्रेस की एकमात्र सांसद गीता कोड़ा बीजेपी में शामिल हो गयीं. इसके साथ ही कोल्हान का राजनीतिक समीकरण बदल गया है. अब चाईबासा सीट से बीजेपी को उम्मीदवार मिल गया है. गीता कोड़ा बीजेपी के टिकट पर अब चाईबासा सीट से चुनाव लड़ेंगी. वहीं, ‘इंडिया’ गठबंधन से चाईबासा सीट से उम्मीदवार कौन होगा, इस पर गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस में पार्टी स्तर पर मंत्रणा शुरू हो गयी है. बीते छह माह से ही चाईबासा सीट पर झामुमो अपना दावा ठोक रहा था. दलील यह दी जा रही थी कि चाईबासा लोकसभा के पांच विधानसभा सीटों पर झामुमो का कब्जा है, ऐसे में इस लोकसभा सीट पर उसका नैसर्गिक हक बनता है.
झामुमो उतारेगा ‘हो’ जाति का सशक्त उम्मीदवार
झारखंड मुक्ति मोर्चा के रणनीतिकारों की मानें, तो पूर्व में सीटिंग सांसद का टिकट काट कर झामुमो को सीट देने में गठबंधन में असहजता की स्थिति पैदा हो रही थी. लेकिन, सोमवार के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद झामुमो अब इस सीट पर आसानी से अपना दावा ठोकेगा. राजनीतिक जानकारों के अनुसार चाईबासा सीट पर अब झामुमो किसी दमदार ‘हो’ जाति के उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारेगा, ताकि लोकसभा के लिहाज से झामुमो चाईबासा सीट पर अपने सूखे को दूर कर सके.
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जमशेदपुर सीट पर अब कांग्रेस करेगी दावा
गीता कोड़ा के बीजेपी में जाने के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन में अब तक सीटों के बंटवारे को लेकर चल रहे जिच को भी विराम लग सकता है. चाईबासा सीट अपने पास रखने के कारण कांग्रेस जमशेदपुर सीट पर अपना दावा नहीं कर पा रही थी. हालांकि, पार्टी की ओर से भले जिलाध्यक्ष के जरिये दावेदारों के नाम लिए जा रहे थे, लेकिन कोल्हान की दोनों सीट कांग्रेस के खाते में आने की संभावना कम थी. आलाकमान के साथ दो राउंड की बैठक में भी कांग्रेस ने जमशेदपुर सीट के लिए दावा नहीं ठोका. लेकिन, अब कांग्रेस जमशेदपुर सीट पर दावा करेगी. ताकि कोल्हान में संगठन पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े. झामुमो भी इस सीट को कांग्रेस की झोली में देने में नरमी बरत सकती है, क्योंकि ‘इंडिया’ गठबंधन के पास जमशेदपुर सीट से डॉ अजय कुमार से बड़ा कोई चेहरा फिलहाल नहीं है. वे पूर्व में भी जमशेदपुर सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
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प्रदीप बलमुचु का नाम आगे बढ़ा सकती है कांग्रेस
वर्ष 1996 में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु चुनाव लड़ चुके हैं. इस सीट पर कांग्रेस गीता कोड़ा के जाने के बाद इनके नाम पर दाव चल सकती है. हालांकि वह बहुत कारगर फैक्टर नहीं होंगे. बागुन सुंब्रई के बेटे ने भी चुनाव लड़ने का आवदेन पार्टी को दिया है.
झामुमो का स्वाभाविक दावा बनता है : बिरुवा
मंत्री व चाईबासा के विधायक दीपक बिरुवा ने कहा कि लोकसभा सीट पर पार्टी का स्वाभाविक दावा बनता है. अब परिस्थिति बदली है, तो इस पर पुनर्विचार होना चाहिए कि गठबंधन के तहत झामुमो इस सीट पर चुनाव लड़े. पिछली बार भी गीता कोड़ा जीती थीं, तो उसमें झामुमो के कार्यकर्ताओं का ही बड़ा योगदान रहा है. गठबंधन धर्म का पालन करते हुए झामुमो ने कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित की. छह में से पांच सीट पर झामुमो का कब्जा है. गठबंधन के तहत विचार हो तो अच्छा ही होगा. हालांकि पार्टी गठबंधन के साथ बैठक करके जो निर्णय लेगी, हम सब उसके साथ हैं.
गठबंधन में तय होगी आगे की रणनीति : विनोद पांडेय
झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि हम गठबंधन के तहत काम करते हैं. हमें पहले से ही पता था कि गीता कोड़ा बीजेपी में चली जायेंगी. यह सही है कि सिंहभूम में सबसे मजबूत झामुमो है. पांच-पांच विधायक झामुमो के हैं. आगे की रणनीति गठबंधन की बैठक में तय की जायेगी.