Narendra Modi Cabinet : लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम में कई ऐसी बाते हैं, जिनपर गौर किया जाना चाहिए. ऐसा ही एक परिणाम है केंद्रीय मंत्रियों का हारना. 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने लगे तो किसी ने यह नहीं सोचा था कि स्मृति ईरानी, आरके सिंह और राजीव चंद्रशेखर जैसे नेता चुनाव हार जाएंगे, लेकिन जब अंतिम परिणाम सामने आए, तो वे चौंकाने वाले थे. स्मृति ईरानी जैसी तेज-तर्रार नेता भी किसी राउंड में बढ़त नहीं बना सकीं. लोकसभा चुनाव में कुल 15 केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए, जिनमें से छह सिर्फ उत्तर प्रदेश से थे. तो आइए जानते हैं कौन-कौन से केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए और हार की वजह क्या रही:-
स्मृति ईरानी की हार ने चौंकाया
स्मृति ईरानी : उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री और 2019 के चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी को बुरी तरह पराजित करने वाली स्मृति ईरानी चुनाव मैदान में थीं. उनके सामने कांग्रेस के प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा थे. किशोरी लाल कांग्रेस के पुराने नेता हैं और उन्हें गांधी परिवार का पुराना दरबारी भी माना जाता रहा है. राहुल गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो अमेठी में किशोरी लाल शर्मा को मौका दिया गया, वे अमेठी में जमीनी स्तर पर काम कर चुके थे. संभवत: स्मृति ने उन्हें हल्के में लिया और यही वजह है कि वो 167196 वोट के मार्जिन से चुनाव हार गईं. स्मृति ईरानी केंद्रीय मंत्रिपरिषद में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संभाल रही थीं.
विवादों में रहे अजय मिश्रा टेनी
अजय मिश्रा टेनी : केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को खीरी लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उत्कर्ष वर्मा ने शिकस्त दी. उत्कर्ष वर्मा ने अजय मिश्रा टेनी को 32329 वोटों के मार्जिन से हराया. अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने 2021 में एक गांव में कुछ लोगों पर उनकी गाड़ी चढ़ा दी थी, जिसमें चार किसानों की मौत हुई थी, यह मामला काफी गरमाया था और इससे अजय मिश्रा पर भी सवाल उठे थे, संभवत: इस कांड ने उनकी हार की कहानी लिख दी.
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दो बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा भी हारे
अर्जुन मुंडा : कृषि और जनजातीय कल्याण विभाग के मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड के खूंटी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए. उन्हें कांग्रेस के काली चरण मुंडा ने लगभग डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हराया. जानकारों का मानना है कि यहां काली चरण मुंडा ने जमीन पर काफी काम किया और आम लोगों से जुड़े. यह ट्राइबल रिजर्व सीट है. अर्जुन मुंडा झारखंड के मुख्यमंत्री भी रहे हैं, बावजूद वे चुनाव हार गए.
आक्रामक छवि रही है निरंजन ज्योति की
साध्वी निरंजन ज्योति : फतेहपुर लोकसभा सीट से बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति चुनाव हार गईं. उन्हें समाजवादी पार्टी के नेता नरेश चंद्र उत्तम ने 33 हजार से अधिक वोटों से हराया. निरंजन ज्योति की छवि एक आक्रामक हिंदूवादी नेता की रही है, उनके हार के कारणों में यह बताया जा रहा है कि वे पार्टी के अपने लोगों की वजह से ही चुनाव हार गई.
24 हजार वोटों के अंतर से हारे संजीव बालियान
संजीव बालियान : संजीव बलियान को समाजवादी पार्टी के नेता हरेंद्र सिंह मलिक ने चुनाव हराया. संजीव बलियान मोदी सरकार में कृषि राज्य मंत्री रहे हैं. उन्हें हरेंद्र सिंह ने 24 हजार वोटों के अंतर से हराया. संजीव बलियान को 41.35 और मलिक को 43.64 प्रतिशत वोट मिले.
कैलाश चौधरी तीसरे स्थान पर रहे
कैलाश चौधरी : राजस्थान के बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से किसान और कृषि कल्याण विभाग के राज्यमंत्री कैलाश चौधरी चुनाव हार गए. उन्हें कांग्रेस पार्टी के उम्मेदा राम बेनीवाल ने चुनाव हरा दिया. यहां त्रिकोणीय मुकाबला था और कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भट्टी चुनावी मुकाबले में थे. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी तीसरे नंबर पर रहे.
राजीव चंद्रशेखर को शशि थरूर ने हराया
राजीव चंद्रशेखर : बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर तिरुवनंतपुरम सीट से कांग्रेस नेता शशि थरूर से चुनाव हार गए. उन्होंने शशि थरूर को कांटे की टक्कर तो दी,लेकिन वे चुनाव जीत नहीं सके. वे 16077 वोट के अंतर से पराजित हुए.