लोकसभा चुनाव में क्यों डूबी आम आदमी पार्टी की लुटिया! जानिए 5 कारण
Lok Sabha Election Result 2024: भारत की सबसे ईमानदार पार्टी का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी पर 18वीं लोकसभा चुनाव में 'झाड़ु' चल गया. दिल्ली में AAP सूपड़ा साफ हो गया. पार्टी को पंजाब और हरियाणा में भी कोई खास कामयाबी नहीं मिली.
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली, गुजरात, गोवा, हरियाणा और चंडीगढ़ में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे में चुनाव लड़ा था. लेकिन इन सभी जगहों पर आम आदमी पार्टी को मुंह की खानी पड़ी. खासकर दिल्ली में आप और न ही कांग्रेस खाता खोल पाए. आम आदमी पार्टी ने 22 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा. लेकिन 19 में पिछड़ गए. पंजाब में 3 सीटों-पंजाब में होशियारपुर, आनंदपुर साहिब और संगरुर पर ही बढ़त बना पाए. हालांकि उसका वोट शेयर बढ़ा है. 2019 में यह 18 फीसद था, जो बढ़कर इस बार 26 फीसद हो गया.
इस लोकसभा चुनाव में आखिर क्या ऐसा हुआ, जिससे आम आदमी पार्टी दिल्ली में तीसरी बार खाता नहीं खोल पाई. जबकि इंडी गठबंधन के साथ आए दलों को अच्छा फायदा हुआ है.
- आम आदमी पार्टी को दिल्ली के शराब घोटाले में छवि खराब होने का नुकसान उठाना पड़ा है. उसके कई बड़े नेता शराब घोटाले में जेल गए. इनमें मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और खुद अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा है.
- दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भी दिल्लीवालों के दिलो-दिमाग में सहानुभूति नहीं पैदा कर पाई. हालांकि आप ने अभियान चलाया था-जेल का जवाब वोट से पर उसका असर नहीं हुआ.
- आप ने पंजाब में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन दिल्ली में गठबंधन किया. जानकारों के मुताबिक जनता को पार्टी का यह स्टैंड रास नहीं आया.
- अगर केजरीवाल जेल जाने के बाद सीएम पद छोड़ देते तो जनता में उनके प्रति सहानुभूति पैदा हो सकती थी. इसका उदाहरण झारखंड में देखा जा सकता है. जमीन घोटाले में फंसने के बाद हेमंत सोरेन ने जेल जाने से पहले इस्तीफा दे दिया था और इसका असर झारखंड में लोकसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है.
- दिल्ली में जब-जब लोकसभा चुनाव हुए हैं, तब देखा गया है कि वह किसी एक पार्टी को ही मैनडेट देती है. इसका उदाहरण है बीजेपी, जो तीसरी बार सभी 7 सीटें जीतने जा रही है.