टेबल ऑफ कंटेंट्स
लोकसभा चुनाव 2024 : झारखंड में लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण की तीन सीटें दुमका, गोड्डा और राजमहल के लिए प्रचार थम गया है. इन तीन सीटों के लिए एक जून को वोट डाले जाएंगे. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी राजनीतिक दलों ने अपनी सारी ताकत झोंक दी. झामुमो नेता कल्पना सोरेन, सीएम चंपाई सोरेन, बाबूलाल मरांडी आदि नेताओं ने ताबड़तोड़ प्रचार किया. गोड्डा में बीजेपी ने प्रचार के लिए भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह का रोड शो करवाया.
डोर-टू-डोर जा सकते हैं उम्मीदवार
आपको बता दें कि गुरुवार शाम के बाद इन क्षेत्रों में न तो कोई चुनावी सभा होगी न ही रोड शो. कोई भी पार्टी अपने झंडे और लाउड स्पीकर से प्रचार नहीं कर पाएगी. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार उम्मीदवार या उनके समर्थक डोर-टू-डोर जाकर लोगों से अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर सकते हैं. इस दौरान उन्हें अपने साथ झंडे और बैनर ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
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बाहर से आए प्रचारकों को लौटना पड़ेगा वापस
लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में प्रचार के लिए बुलाती है. इनमें फिल्मी हस्ती, राष्ट्रीय नेता आदि रहते हैं. लेकिन आपको बता दें कि चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार बाहर से आए नेता-कार्यकर्ता आदि को वापस लौटना पड़ता है.
तीन सीटों के 52 प्रत्याशी होंगे मैदान में
इन तीन सीटों में कुल 52 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपना दम-खम दिखाएंगे. आपको बता दें कि दुमका और गोड्डा से 19-19 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाएंगे. वहीं राजमहल के 14 उम्मीदवारों का फैसला जनता करेगी. इन सीटों पर वोटिंग 1 जून को सुबह सात से पांच बजे तक होगी.
53.23 लाख मतदाता 1 जून को करेंगे मतदान
गोड्डा, दुमका, राजमहल संसदीय क्षेत्रों में कुल 53,23,886 मतदाता हैं. जिसमें कि पुरुष मतदाताओं की संख्या 27,00,538 है वहीं 26,23,315 महिला समेत 33 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं.
लोकसभा क्षेत्र | कुल मतदाता | पुरुष मतादाता | महिला मतदाता | बूथों की संख्या |
दुमका(एसटी) | 15,91,061 | 7,99,045 | 7,92,010 | 1891 |
गोड्डा | 20,28,154 | 10,50,328 | 9,77,809 | 2347 |
राजमहल (एसटी) | 17,04,671 | 8,51,165 | 8,53,496 | 2020 |
संताल में झामुमो की साख दांव पर
अंतिम चरण की तीनों सीटें संताल परगना में आती हैं. आपको बता दें संताल परगना हमेशा से झामुमो का गढ़ रहा है. यहां चुनाव में सोरेन परिवार का दबदबा रहा है. लेकिन यह चुनाव पिछले चुनावों से अलग है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद यह पहला चुनाव है. हेमंत के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने चुनाव में झामुमो की ओर से अकेले मोर्चा संभाला है. वहीं सीता सोरेन के बीजेपी में जाने से सोरेन परिवार और झामुमो को झटका लगा है.
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झामुमो बागियों से परेशान
इस चुनाव में झामुमो अपने ही पार्टी के नेताओं से परेशान रहा है. पहले सीता सोरेन के बीजेपी में जाने से परेशानी हुई. कहानी यहां तक नहीं रुकती बल्कि बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने भी राजमहल लोकसभा सीट से निर्दलीय पर्चा भर दिया. इससे झामुमो बैकफुट पर आ गई.
बीजेपी और I.N.D.I.A. गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर, दिग्गज मैदान में
तीनों लोकसभा सीटों पर बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है. गोड्डा लोकसभा सीट की बात करें तो यहां से तीन बार के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के सामने कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप यादव हैं. वहीं झामुमो से पाला बदल कर आई बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन के सामने नलीन सोरेन है. राजमहल में दो बार के झामुमो सांसद विजय हांसदा के सामने बीजेपी प्रत्याशी ताला मरांडी हैं.
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