Loksabha Election 2024 : बिहार में दल बदलने वाले उम्मीदवारों की चमकी किस्मत, पार्टियां तत्काल दे रही टिकट

लोकसभा चुनाव में पार्टियां दल बदलने वाले नेताओं को तत्काल टिकट दे रही हैं. जदयू से लेकर राजद तक सभी पार्टियों ने ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिए हैं.

By Anand Shekhar | March 30, 2024 3:43 PM
an image

Loksabha Election 2024 : बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले दल बदलने वाले उम्मीदवारों की किस्मत चमक रही है. चुनाव के लिए टिकट बांटते वक्त सभी पार्टियां इन नेताओं पर भरोसा जता रही हैं. राजद और जदयू ने ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जो चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हुए हैं. बीजेपी ने भी ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया है जो पिछले चुनाव में किसी और पार्टी से चुनाव लड़े थे.

इन नेताओं ने बदला दल

  • राजद
    • औरंगाबाद से अभय कुशवाहा (जदयू से राजद में शामिल हुए)
    • पूर्णिया से बीमा भारती (जदयू से राजद में शामिल हुए)
  • जदयू
    • शिवहर से लवली आनंद (राजद से जदयू में शामिल हुई)
    • सीवान से विजया लक्ष्मी देवी (रालोमो से जदयू में शामिल हुई)
  • भाजपा
    • मुजफ्फरपुर से राजभूषण निषाद (वीआईपी से)

अभय कुशवाहा औरंगाबाद से राजद उम्मीदवार

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बिहार की चार सीटों औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई पर चुनाव होना है. इसके लिए नामांकन प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. इन चारों सीटों के लिए कुल 72 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है. इसमें से औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से राजद ने अभय कुशवाहा को टिकट दिया है. जदयू छोड़कर राजद में शामिल हुए कुशवाहा ने भी गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. इस सीट को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच गतिरोध बना हुआ था. आखिरी वक्त तक कांग्रेस ने औरंगाबाद सीट पर दबाव बनाए रखा था, लेकिन यहां से अभय कुशवाह को ही टिकट मिला.

पूर्णिया से राजद ने बीमा भारती को दिया सिंबल

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की बात करें तो बिहार की पांच सीटों किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका में चुनाव होना है. इन सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इनमें पूर्णिया सीट ऐसी है जहां जेडीयू छोड़कर आईं बीमा भारती को राजद ने सिंबल दिया है. इस सीट को लेकर भी कांग्रेस और राजद के बीच गतिरोध बना हुआ है. कांग्रेस नेता पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार थे, उन्होंने अपनी पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय भी कर दिया था. लेकिन राजद ने बीमा भारती को सिंबल देकर पप्पू यादव को मिला मौका खत्म कर दिया. लेकिन राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि पप्पू यादव अभी भी पूर्णिया से नामांकन पर्चा दाखिल कर सकते हैं.

शिवहर से जदयू के टिकट पर लवली आनंद

जदयू ने भी चुनाव से ठीक पहले दूसरे दल छोड़कर जेडीयू में शामिल हुए दो नेताओं को भी टिकट दिया है. इनमें पहली उम्मीदवार हैं बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद. लवली आनंद राजद छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गई हैं. जदयू ने लावली आनंद को शिवहर से अपना उम्मीदवार बनाया है, जहां छठे चरण में मतदान होना है. लवली आनंद के बेटे चेतन आनंद राजद के टिकट पर शिवहर लोकसभा क्षेत्र के शिवहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. चेतन आनंद ने बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में फ्लोर टेस्ट के दौरान सत्ता पक्ष का समर्थन किया था.

सिवान से जदयू की टिकट पर लड़ेंगी विजय लक्ष्मी देवी

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में सीवान में भी मतदान होना है. जहां से जदयू ने उपेन्द्र कुशवाह की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा छोड़कर आईं विजय लक्ष्मी देवी को टिकट दिया है. विजय लक्ष्मी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे रमेश कुशवाहा की पत्नी हैं. विजय लक्ष्मी देवी के साथ रमेश कुशवाहा ने भी राष्ट्रीय लोक मोर्चा से इस्तीफा दिया था और जदयू में शामिल हुए थे.

बीजेपी ने मुजफ्फरपुर से राजभूषण निषाद को दिया टिकट

बीजेपी ने भी मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र से राजभूषण निषाद को टिकट दिया है. राजभूषण ने 2019 का लोकसभा चुनाव मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर लड़ा था. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गये.

क्यों दिए जा रहे दल बदलने वाले उम्मीदवार को टिकट

जीत की संभावना को देखते हुए पार्टियां लोकसभा चुनाव के लिए दल बदलने वाले उम्मीदवार पर भरोसा जता रही हैं. पार्टियों को उम्मीद है कि मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा भी इन नेताओं के साथ उनके समर्थन में आएगा.

अभी और भी नेताओं के दल बदलने की संभावना

अभी भी कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है. खासकर राजद और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. ऐसे में टिकट से वंचित कई सांसद टिकट को लेकर दूसरे दलों के संपर्क में हैं. जैसे-जैसे सीटों पर नामांकन की तारीख नजदीक आएगी, नेताओं के दल बदलने की संभावना बढ़ती जाएगी.

Also Read :

आदर्श आचार संहिता: चुनावी दौरे पर मंत्रियों की अगुवाई नहीं करेंगे डीएम, 5 प्वाइंट में समझें नियम

सुपौल लोकसभा सीटः यहां विकास पर हावी है जातीय गोलबंदी, लगातार दूसरी बार किसी को नहीं मिला मौका

पत्नियों के हाथों में पतियों की राजनीतिक विरासत, चुनावी टिकट के लिए हो रही शादियां

Exit mobile version