Hajipur Lok Sabha Election Result 2024: हाजीपुर लोकसभा सीट पर अभी तक के जो रूझान सामने आया है उसके अनुसार लोजपा(आर) प्रमुख चिराग पासवान 170105 वोटों से आगे चल रहे हैं. अभी तक उनको 600994 वोट मिले हैं. जबकि इंडिया गठबंधन के शिवचंद्र राम को 444891 वोट मिले हैं.
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक है हाजीपुर लोकसभा सीट.यह सीट हर चुनाव में सुर्खियों में रहता है. इस दफा भी चुनाव से पहले यह सीट चर्चा में रहा. 2019 के चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान अपनी यह सीट अपने छोटे भाई पशुपति पारस को दिया था. लेकिन, रामविलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस और रामविलास पासवान के लड़के चिराग पासवान के बीच विवाद होने पर दोनों ने इस सीट अपने अपने दावे कर दिए. लेकिन अन्तत: इस सीट पर एनडीए ने चिराग पासवान को अपना प्रत्याशी बनाया.
महागठबंधन ने चिराग पासवान के खिलाफ शिव चंद्र राम को अपना प्रत्याशी बनाया. शिवचंद्र राम इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी एनडीए प्रत्याशी पशुपति कुमार पारस के खिलाफ चुनाव लड़े थे. उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. पशुपति कुमार पारस को 541,310 वोट मिले थे. वहीं, दूसरे नंबर पर राजद के शिवचन्द्र राम रहे थे. इन्हें 3,35,861 वोटों की प्राप्ति हुई थी.
वर्ष 1977 के पहले इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था. लेकिन, वर्ष 1977 के चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की इस सीट पर इंट्री के बाद कांग्रेस ने फिर कभी इस सीट पर नहीं जीत पायी.
क्या है चुनावी इतिहास?
हाजीपुर सीट पर वर्ष 1957 के चुनाव में राजेश्वर पटेल ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी जीते थे. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर 1967 में वाल्मिकी चौधरी ने चुनाव जीता. लेकिन 1977 के चुनाव में रामविलास पासवान ने कांग्रेस के दबदबे को कम करते हुए यहां पर अपना झंडा फहराया. इसके बाद तो वे 1980 के चुनाव में भी अपना जलवा कायम रखा. लेकिन 1984 में जब चुनाव हुआ तो उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार रामरतन राम ने हरा दिया. लेकिन 1989 चुनाव में रामविलास पासवान का जादू फिर से ऐसा चला कि कांग्रेस के महावीर पासवान बुरी तरह चुनाव हार गए. इस चुनाव को राम विलास पासवान ने 5 लाख 4 हजार वोटों के अंतर से जीता था.
जानें जातीय समीकरण
हाजीपुर सीट पर हिंदू बहुल सीट है. यहां मुस्लिम 9 प्रतिशत और जैन का अबादी 3 प्रतिशत रही. जातीय आधार की बात करे तो इस क्षेत्र में पासवान और रविदास की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके अलावा राजपूत, भूमिहार और कुशवाहा समाज के भी मतदाता है. इस सीट पर ओबीसी समुदाय की संख्या भी अच्छी रही. चुनाव में इनकी भूमिका निर्णायक है.
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