Pataliputra Lok Sabha Election Result 2024 पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी और लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती 88 हजार वोटों से चुनाव जीत गई हैं. बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव यहां पिछले दो बार से मीसा भारती को यहां पराजीत कर रहे थे. मीसा भारती अपने चाचा रामकृपाल यादव से अन्तत: यह सीट वापस ले ली है.
परिसीमन के बाद बीजेपी का रहा है दबदबा
पटना लोकसभा सीट को पटना साहिब और पाटलिपुत्र में 2008 के परिसीमन में बांट दिया गया था. यहां एक जून को सातवें चरण में मतदान हुआ था.यहां मुख्य मुकाबला कभी लालू प्रसाद के हुनमान रहे बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव और लालू प्रसाद की बेटी मीसा बारती के बीच में है. मीसा भारती आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रही है.पाटलिपुत्र सीट ने हमेशा ही चौंकाने वाले नतीजे दिए हैं. परिसीमन के बाद पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में 2009 में राजद के लालू प्रसाद यादव को जद-यू के रंजन प्रसाद ने हरा दिया था. लालू का परिवार इस सीट पर हमेशा ही हारा है. इसके बाद 2014 के चुनाव में आरजेडी ने मीसा भारती को अपना प्रत्याशी बनाया था. लेकिन वो हार गई थी. दरअसल, आरजेडी से टिकट नहीं मिलने पर रामकृपाल यादव ने पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले गए थे.
मीसा को हराने पर रामकृपाल केंद्र सरकार में बने थे मंत्री
मीसा भारती को हराने पर केंद्र की मोदी सरकार ने रामकृपाल यादव को केंद्र सरकार में मंत्री पद से नवाजा था. लेकिन, 2019 में उनकी जीत का अंतर कम होने पर उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ा था. इस दफा पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर रामकृपाल की जीत को पक्की करने के लिए सभा कर चुके हैं. इधर, आरजेडी प्रत्याशी मीसा भारती की जीत पक्की करवाने के लिए लालू परिवार से लालू प्रसाद, राबड़ी देवी तेजस्वी यादव के साथ साथ कांग्रेस के राहुल गांधी ने भी अपनी सभा की है.
चौंकाने वाले आते रहे हैं परिणाम
पाटलिपुत्र सीट ने हमेशा ही चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं. यहां पर सबसे ज्यादा चार लाख यादव वोटर हैं. इसके बाद तीन लाख भूमिहार और एक लाख ब्राह्मण वोटर हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में पौने दो लाख कुर्मी, इतने ही कोइरी और डेढ़ लाख मुस्लिम मतदाता हैं. रामकृपाल यादव और मीसा भारती के आमने सामने होने पर इस लोकसभा क्षेत्र के यादव होने से वोट बंट जाते हैं. अभी तक यहां रामकृपाल यादव को भाजपा के वोट बैंक का फायदा मिलता रहा है. जद-यू के समर्थक कुर्मी-कुशवाहा का वोट भी उनको मिलता रहा है. इधर, मीसा भारती को आरजेडी के परंपरागत वोटरों का साथ मिलता है.
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