मधेपुरा लोकसभा चुनाव: 34 साल में पहली बार ईवीएम के मतपत्र में नहीं दिखेंगे शरद यादव

Lok Sabha Elections मधेपुरा सीट पर लालू प्रसाद यादव और शरद यादव के बीच तीन बार आमना-सामना हुआ. 1998 में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने शरद यादव को हराया तो 1999 में शरद यादव ने लालू प्रसाद को हरा दिया था.

By RajeshKumar Ojha | March 30, 2024 4:52 PM

मधेपुरा से कुमार आशीष

Lok Sabha Elections देश ही नहीं अंतराष्ट्रीय दिग्गज नेताओं में शुमार रहे है शरद यादव. वर्ष 1991 से मधेपुरा लोकसभा सीट पर आठ बार हुए आम चुनाव में अपनी दावेदारी दी जिसमें उन्हें चार बार जीत मिली थी. इन 34 वर्षों के दौरान यह पहला चुनाव होगा जब लोकसभा चुनाव में मधेपुरा सीट के ईवीएम या मतपत्र के प्रत्याशियों के कॉलम में शरद यादव नही दिखेंगे. शरद यादव के चुनावी सफर की शुरुआत 1974 से हुई थी.

मध्य प्रदेश के जबलपुर के तत्कालीन सांसद सेठ गोविंद दास के निधन के बाद 1974 में हुए उपचुनाव में शरद यादव ने भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव जीता. इसी क्षेत्र से उन्होंने 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. 1984 में शरद यादव ने यूपी के बदायूं लोकसभा सीट पर लोकदल के टिकट पर किस्मत आजमायी. लेकिन सफलता नही मिली. हालांकि उन्होंने उसी सीट पर 1989 में जनता पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की.

संजय गांधी के निधन के बाद 1981 में अमेठी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के राजीव गांधी के खिलाफ शरद यादव ने लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा. लेकिन हार गये. जिसके बाद शरद की मधेपुरा के रास्ते 1991 के आम चुनाव से बिहार में इंट्री हुई. ज्ञात हो कि शरद ने मध्यप्रदेश और बिहार में 13 चुनाव लड़े और सात बार जीत दर्ज की थी. 

चार बार मधेपुरा से जीते शरद यादव

 शरद यादव ने जनता दल के टिकट पर 1991 और 1996 तथा जदयू के टिकट पर 1999 और 2009 में जीत दर्ज की थी. वहीं जनता दल के टिकट पर 1998, जदयू से 2004 और 2014 तथा राजद के टिकट पर 2019 में चुनाव लड़े लेकिन हार गये.

मधेपुरा सीट पर लालू प्रसाद यादव और शरद यादव के बीच तीन बार आमना-सामना हुआ. 1998 में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने शरद यादव को हराया तो 1999 में शरद यादव ने लालू प्रसाद को हरा दिया था. इसके अलावा 1986, 2004 और 2014 में शरद यादव राज्यसभा पहुंचे.

राजनीतिक जमीन को कमजोर नहीं होने दिया

मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई गांव में एक जुलाई 1947 को जन्मे शरद यादव ने 12 जनवरी 2023 को अंतिम सांस ली. शरद यादव को कभी भी मधेपुरा में दो लाख 45 हजार से कम वोट नहीं मिले. उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय राजनीति की, लेकिन अपनी राजनीतिक जमीन को कमजोर नहीं होने दिया. वर्ष 2019 के अंतिम आम चुनाव में शरद यादव को बतौर राजद प्रत्याशी तीन लाख 22 हजार 807 मत मिले थे.

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