Mehbooba Mufti Election Result 2024 : अनंतनाग-राजौरी से 2.74 लाख से अधिक मतों से हार गईं महबूबा मुफ्ती
Mehbooba Mufti Election Result 2024: जम्मू और कश्मीर का अनंतनाग लोकसभा सीट कई मायनों में अहम है. 2014 में इस सीट पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जीत दर्ज की थी, लेकिन उनके इस्तीफे के दो साल तक इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो पाया. इसके पीछे घाटी की अशांति जिम्मेदार है.
Mehbooba Mufti Election Result 2024 : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती अनंतनाग-राजाैरी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हार गई हैं. उन्हें जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी मियां अलताफ अहमद ने 2,74,944 मतों से परास्त कर दिया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अलताफ अहमद को 5,13,049 वोट मिले, जबकि महबूबा मुफ्ती को 2,34,548 वोट से ही संतोष करना पड़ा.
जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट राज्य के दूसरे निर्वाचन क्षेत्रों के मुकाबले काफी हॉट बना हुआ है. इस सीट पर मुकाबला बड़ा दिलचस्प है. इसका कारण यह है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इस सीट से मैदान में हैं. वह इस सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रही हैं. इससे पहले, उन्होंने इस सीट से 2014 और 2019 में चुनाव लड़ा था. यह सीट पीडीपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन 2019 के आम चुनाव में यह सीट पीडीपी के हाथ से निकलकर नेशनल कांन्फ्रेंस के हाथ में चली गई थी. इस चुनाव में यह देखना काफी रोचक होगा कि क्या महबूबा मुफ्ती इस सीट को दोबारा हासिल करने में कामयाब हो पाती हैं या नहीं. 4 जून 2024 की सुबह मतगणना शुरू हो चुकी है.
अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में 16 विधानसभा सीट
अनंतनाग संसदीय क्षेत्र को 16 विधानसभा सीटों को मिलाकर बनाया गया है. इसमें त्राल, शोपियां, देवसर, पंपोर, नूराबाद, डोरु, पहलगाम, वाची, पुलवामा, कुलगाम, कोकरनाग, बिजबेहारा, राजपोरा, होमशालीबुग, शानगुस और अनंतनाग शामिल हैं. इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 13 लाख है, जिनमें करीब 6.85 लाख पुरुष और 6.15 लाख महिला मतदाता शामिल हैं. इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच कड़ी टक्कर होती है.
कई मायनों में अहम है अनंतनाग की सीट
जम्मू और कश्मीर का अनंतनाग लोकसभा सीट कई मायनों में अहम है. 2014 में इस सीट पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जीत दर्ज की थी, लेकिन उनके इस्तीफे के दो साल तक इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो पाया. इसके पीछे घाटी की अशांति जिम्मेदार है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 1996 में छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने के कानून के बाद यह सबसे ज्यादा समय तक रिक्त रहने वाली सीट है. इस सीट से महबूबा के अलावा पीडीपी अध्यक्ष रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मोहम्मद शफी कुरैशी भी सांसद बन चुके हैं. यह सीट पीडीपी का गढ़ है. 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में अनंतनाग की 16 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर पीडीपी जीती थी.
2019 का चुनाव
लोकसभा चुनाव 2019 में अनंतनाग लोकसभा सीट पर पीडीपी से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती चुनावी मैदान में उतरी थीं. इनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी से था. कांग्रेस ने गुलाम अहमद मीर तो वहीं बीजेपी ने सोफी यूसुफ को खड़ा किया था. जम्मू और कश्मीर की अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान हुए थे. आतंकवादियों की धमकी का असर यहां मतदान पर देखने को मिला था. यहां पर लगभग 12.86 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया था. यहां से 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थें. 2019 अनंतनाग लोकसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के प्रत्याशी हसन मसूदी 40,180 वोटों के साथ जीत हासिल कर कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर को हराया था. गुलाम अहमद मीर को 33,504 वोट मिले थे, वहीं जेकेपीडीपी की उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती 30,524 वोटों के साथ हार गईं.
2014 का चुनाव
2014 के आम चुनाव में इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती दूसरी बार सांसद चुनी गई थीं. उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग को करीब 65 हजार वोटों से पटखनी दी थी. महबूबा को करीब 2 लाख वोट मिले थे, जबकि मिर्जा महबूब को 1.35 लाख वोट मिले थे. इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी तनवीर हुसैन खान 73,40 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे. चौथे स्थान पर बीजेपी के मुश्ताक अहमद मलिक थे. उन्हें मात्र 4,720 वोट मिले थे.