आदर्श आचार संहिता: चुनावी दौरे पर मंत्रियों की अगुवाई नहीं करेंगे डीएम, 5 प्वाइंट में समझें नियम
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी अधिकारियों को भी का प्रोटोकॉल का पालन करना होता है. इस दौरान कोई भी अधिकारी मंत्रियों और नेताओं की प्रोटोकॉल के तहत अगुवाई नहीं कर सकता.
पटना. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गयी है. इसके साथ ही सरकारी अधिकारियों को प्रोटोकॉल का पालन करने का आदेश भी प्रभावी हो गया है. आदर्श आचार संहिता के दौरान अब किसी भी जिले या राज्य में चुनावी दौरे पर आने वाले केंद्र या राज्य सरकार के मंत्रियों की अगुवाई राज्य सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारी प्रोटोकॉल के मुताबिक नहीं करेंगे. साथ ही उन्हें विदा करने भी नहीं जाएंगे. यहां तक कि मंत्री भी अधिकारियों से इस तरह की उम्मीद नहीं करेंगे. प्रधानमंत्री को इस प्रकार के प्रोटोकॉल से अपवाद रखा गया है
सरकारी अफसरों के साथ बैठक नहीं करेंगे मंत्री
- मंत्री सरकारी अधिकारियों के साथ उस निर्वाचन क्षेत्र में अथवा राज्य में कही भी निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने की अवधि तक किसी स्थान अथवा कार्यालय में बैठक नहीं करेंगे.
- मंत्री गेस्ट हाउस के भीतर या उस निर्वाचन क्षेत्र के बाहर किसी सरकारी वार्ता के लिए अधिकारियों को नहीं बुलायेंगे.
- इसमें अपवाद यह है कि जब कोई मंत्री किसी संबंधित विभाग के प्रभारी होने या मुख्यमंत्री होने के नाते किसी क्षेत्र के सरकारी दौरे पर जाते हैं, तो उस निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन से संबंधित किसी सरकारी अधिकारी को कानून-व्यवस्था के विफल होने या किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में चुनाव क्षेत्र से बाहर किसी स्थान पर किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बुला सकते हैं.
- आदर्श आचार संहिता लागू होने की अवधि में राज्य के मुख्यमंत्री को जिला अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करने पर रोक लग गयी है.
- अधिकारियों को भी यह निर्देश है कि कोई अधिकारी उस चुनाव क्षेत्र में अपने निजी दौरे पर किसी मंत्री से मुलाकात करता है, जहां पर चुनाव कराया जा रहा है, तो वह कदाचार का दोषी होगा.
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