Pawan Singh: मीडिया के साथ बातचीत में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, यह एक दिलचस्प मामला है. सभी एजेंसियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नियंत्रण में हैं. क्या उन्हें पवन सिंह के बारे में जानकारी नहीं थी. उनकी छवि के बारे में 24 घंटे के बाद पता चलता है. इससे पता चलता है कि देश में किस तरह की सरकार है. सभी एजेंसियां केवल विपक्ष पर नजर रखने के लिए हैं. जिनको आप टिकट दे रहे हैं, महिलाओं के खिलाफ उनके कैसे-कैसे वीडियो हैं, क्या प्रधानमंत्री जी को यह मालूम नहीं है. एक ओर बीजेपी संदेशखाली जैसे मुद्दे उठाती है और दूसरी ओर पवन सिंह जैसों को टिकट देती है. हर्षवर्द्धन जैसों को तो अब रिटायरमेंट लेना ही होगा, क्योंकि अब पवन सिंह जैसों का दौर है.
Pawan Singh ने अपना नाम वापस लिया, किया ऐसा ट्वीट
भोजपुरी गायक एवं अभिनेता पवन सिंह ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने से रविवार को मना कर दिया. बीजेपी ने 195 उम्मीदवारों की पहली सूची में पवन सिंह का भी नाम शामिल किया था. पवन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का दिल से आभार प्रकट करता हूं. पार्टी ने मुझ पर विश्वास करके मुझे आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन किसी कारणवश मैं आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा. सिंह ने अपने इस फैसले का कारण नहीं बताया.
Pawan Singh को उम्मीदवार घोषित किए जाने की तृणमूल कांग्रेस ने आलोचना की थी
पवन सिंह को उम्मीदवार घोषित किए जाने की तृणमूल कांग्रेस ने आलोचना की थी. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सिंह के कई गाने असभ्य हैं और उनमें राज्य की महिलाओं सहित सभी महिलाओं को अश्लील तरीके से चित्रित किया गया है. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ‘एक्स’ पर सिंह की पोस्ट साझा की और कहा, पश्चिम बंगाल के लोगों का अदम्य जोश और शक्ति. टीएमसी नेता शांतनु सेन ने आरोप लगाया कि भाजपा महिला सशक्तीकरण की केवल बात करती है, लेकिन असल में वह महिला विरोधी है. उन्होंने कहा, वे महिला विरोधी एवं बंगाली विरोधी हैं और इसीलिए उन्होंने उन्हें (पवन सिंह को) उम्मीदवार बनाया था, लेकिन लोगों के गुस्से का एहसास होने पर उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा.