Lok Sabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पंजाब के होशियारपुर में एक रैली के साथ अपने चुनावी अभियान का समापन किया. इसके साथ ही उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किए जाने के बाद से कुल 206 जनसभाएं और रोड शो किए. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा 2024 के चुनाव प्रचार के दौरान कुल 101 चुनावी कार्यक्रमों को संबोधित किया, जिसमें 94 रैलियां और 7 रोड शो शामिल थे.
2019 में पीएम मोदी ने 145 सार्वजनिक कार्यक्रमों में लिया था हिस्सा
प्रधानमंत्री ने इससे पहले 2019 के चुनावों के दौरान लगभग 145 सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था. इस बार उन्होंने इससे ज्यादा चुनाव प्रचार किया और जनसभाओं को संबोधित किया. इस बार चुनाव प्रचार का समय 76 दिनों का था, जबकि पांच साल पहले चुनाव में 68 दिन थे.
पीएम मोदी ने तीन दिनों में दक्षिण भारत के सभी पांच राज्यों को कवर किया
निर्वाचन आयोग ने जब चुनावों की घोषणा की थी तो मोदी दक्षिण भारत के राजनीतिक दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने 15 मार्च से 17 मार्च के बीच तीन दिनों में दक्षिण भारत के सभी पांच राज्यों को कवर किया था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की इस चुनाव में कोशिश तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने की है. इन तीनों राज्यों में 2019 के चुनाव में भाजपा एक भी सीट जीत नहीं सकी थी. पार्टी के लिए इस चुनाव में कर्नाटक में अपनी ताकत बनाए रखने और तेलंगाना में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश भी रही है. साल 2019 में भाजपा ने कर्नाटक की 28 में से 25 सीट जीती थी जबकि तेलंगाना में उसने चार सीट पर सफलता दर्ज की थी.
पीएम मोदी 80 मीडिया को इंटरव्यू भी दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कुल 80 मीडिया साक्षात्कार भी दिए. मतदान शुरू होने के बाद से औसतन उन्होंने प्रतिदिन एक से अधिक साक्षात्कार दिए हैं. मोदी गुरुवार शाम से एक जून तक ध्यान लगाने के लिए कन्याकुमारी में रहेंगे. इस दौरान वह स्वामी विवेकानंद से जुड़े स्थल पर ध्यान करेंगे.
4 जून को होगा फैसला
प्रधानमंत्री मोदी के इस धुआंधार चुनाव प्रचार का जनता पर कितना असर रहा, इसका पता तो 4 जून को ही लगेगा जब चुनाव परिणाम घोषित होंगे. करीब 73 साल की उम्र में मोदी ने जितनी सभाएं की और जो दूरी तय की, इस मामले में उनके नजदीक भी कोई नेता नहीं टिकता. इस दौरान दिए गए भाषणों के लिए आलोचकों ने उनकी आलोचना भी की तो भाजपा के उत्साही समर्थकों का जोश भी बढ़ा.