राजमहल लोकसभा चुनाव 2024: हैट्रिक की तैयारी में झामुमो, भाजपा ने भी अब तक खिलाया है दो बार कमल

राजमहल लोकसभा चुनाव 2024: झामुमो राजमहल लोकसभा सीट से हैट्रिक की तैयारी में है. भाजपा ने भी इस सीट पर अब तक दो बार कमल खिलाया है. यहां 1 जून को मतदान होना है.

By Guru Swarup Mishra | May 28, 2024 9:57 PM
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बरहरवा (विकास जायसवाल): राजमहल लोकसभा (एसटी आरक्षित) संसदीय क्षेत्र में 1 जून को मतदान होना है. यहां पर भाजपा, झामुमो सहित अन्य दलों ने अपनी अपनी जोर आजमाइश शुरू कर दी है. अब यहां की जनता ही तय करेगी कि राजमहल का ताज किसके सिर पर सजेगा. राजमहल लोकसभा क्षेत्र में पिछले दो बार से लगातार झारखंड मुक्ति मोर्चा जीत दर्ज करती हुयी आ रही है तथा तीसरी बार हैट्रिक लगाने की जुगाड़ में लगी हुयी है. वहीं दूसरी ओर, अगर हम बात करें भाजपा की, तो यहां से भाजपा ने अब तक दो बार जीत दर्ज की है. सबसे अधिक तीन बार इस सीट पर कांग्रेस के ईश्वर मरांडी ने जीत दर्ज की है, तो वहीं झामुमो से दो बार साईमन मरांडी, कांग्रेस से दो बार सेत हेम्ब्रम, झामुमो से दो बार विजय हांसदा, झामुमो से एक बार हेमलाल मुर्मू, भाजपा से एक बार देवीधन बेसरा, भाजपा से एक बार सोम मरांडी के अलावे एंथोनी मुर्मू एवं पाईका मुर्मू ने भी एक बार जीत दर्ज की है.

2019 के चुनाव में 10 प्रत्याशियों को नोटा से भी कम मिले थे वोट
राजमहल लोकसभा क्षेत्र में गत 2019 के आम चुनाव में 12,919 मत नोटा में पड़े थे. भाजपा, झामुमो, सीपीआई (एम), तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशियों को छोड़कर शेष 10 प्रत्याशी को नोटा से भी कम वोट मिले थे. जिनमें मंडल हांसदा (निर्दलीय) को 12,130 मत, बैद्यनाथ पहाड़िया (बीएसपी) को 10,374 मत, महेंद्र हांसदा (निर्दलीय) को 9,077 मत, मंगल मरांडी (निर्दलीय) को 8,234 मत, नीरज हेम्ब्रम (ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक) को 7,543 मत, महेश पहाड़िया (निर्दलीय) को 4,928 मत, बर्नार्ड हेम्ब्रम (निर्दलीय) को 4,254 मत, क्रिस्टोफर मुर्मू (निर्दलीय) को 3,005 मत, मेरी निशा हांसदा (बीएमयूपी) को 2,948 मत, महाशय टुडू (एचएनडी) को 2,767 मत प्राप्त हुआ था.

9 वोट से भाजपा के सोम मरांडी ने चुनाव जीतकर बनाया था रिकॉर्ड
वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सोम मरांडी ने 9 वोट से जीतकर सबसे कम वोटों से जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया था. 9 वोट से हार-जीत के बाद राजमहल लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं और चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को वोट का महत्व अच्छी तरीके से पता चल गया था. जब इतने कम मार्जिन से हार-जीत हुई थी, तो हर कोई यह सोच रहा था कि अगर हम अपने मोहल्ले के सभी लोगों को वोट देने के लिये जागरूक करते तो शायद चुनाव परिणाम बदल सकते थे. बताते चलें कि 1998 में राजमहल लोकसभा क्षेत्र में 62.6% मतदान हुआ था.

राजमहल से चुनाव जीतने वाले एक भी सांसद नहीं बन पाए केंद्र में मंत्री
राजमहल संसदीय क्षेत्र में अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुये हैं, यहां से चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचने वाले सांसदों में से अब तक किसी ने भी एक बार केंद्र सरकार के मंत्रीमंडल में जगह नहीं पायी है. यहां के मतदाता हर बार इससे ठगा हुआ महसूस करते हैं. अमूमन ऐसा होता रहा है कि जब भी केंद्र में जिस पार्टी की सरकार बनती है, उसके विपक्षी पार्टियों से यहां के सांसद चुने जाते हैं. लेकिन इस बार के चुनाव में किसकी जीत होगी, यह तो 4 जून को ही पता चलेगा.

पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ रहे हैं लोबिन
बोरियो विधानसभा से झामुमो के टिकट पर चुनाव जीतने वाले लोबिन हेम्ब्रम इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी से बगावत करने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. वे अपने आप को शिबू सोरेन का चेला और असली झारखंडी बताते हैं. हालांकि, झामुमो ने अभी उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है. उसके बावजूद लोबिन हेम्ब्रम पूरे राजमहल लोकसभा क्षेत्र में अपना दम दिखा रहे हैं और अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. वे कहते हैं कि इससे पहले भी उन्हें एक बार पार्टी से निकाला गया था, तब वे बोरियो विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे और चुनाव जीतकर विधायक बने थे. उनका दावा है कि वे निर्दलीय चुनाव जीतकर इतिहास रचेंगे.

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े
कुल वोटर – 14,54,436
कुल मतदान – 10,47,657
वोट प्रतिशत – 72.032
कुल चुनाव लड़े कैंडिडेट – 14
कुल पुरुष वोटर – 7,12,118
कुल महिला वोटर – 7,42,309
थर्ड जेंडर वोटर – 9
कुल पुरुष मतदान – 5,28,919
कुल महिला मतदान – 5,16,393
कुल पुरुष उम्मीदवार – 12
कुल महिला उम्मीदवार – 2

अब तक राजमहल लोकसभा से निर्वाचित सांसद के नाम
1957- पाइका मुर्मू – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962 – ईश्वर मरांडी – झारखंड पार्टी
1967- ईश्वर मरांडी – झारखंड पार्टी
1971 – ईश्वर मरांडी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977 – एंथोनी मुर्मू – जनता पार्टी
1980- सेत हेम्ब्रम – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984 – सेत हेम्ब्रम – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989 – साइमन मरांडी – झारखंड मुक्ति मोर्चा
1991- साइमन मरांडी – झारखंड मुक्ति मोर्चा
1996 – थॉमस हांसदा – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1998 – सोम मरांडी – भारतीय जनता पार्टी
1999 – थॉमस हांसदा – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2004 – हेमलाल मुर्मू – झारखंड मुक्ति मोर्चा
2009 – देवीधन बेसरा – भारतीय जनता पार्टी
2014 – विजय हांसदा – झारखंड मुक्ति मोर्चा
2019 – विजय हांसदा – झारखंड मुक्ति मोर्चा

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