Loading election data...

सारण लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर, रूडी खिलाएंगे कमल या रोहिणी संभालेंगी लालू की विरासत

Saran Lok sabha Chunav Result : सारण लोकसभा सीट पर इस बार का चुनाव बेहद ही दिलचस्प और कांटे की टक्कर का है. यहां लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य का मुकाबला भाजपा के राजीव प्रताप रूडी से है.

By Anand Shekhar | June 4, 2024 7:41 AM

Saran Lok sabha Election Result : सारण लोकसभा सीट पर इस बार सबकी नजर हैं. यहां टक्कर का मुकाबला है. यह सीट इसलिए भी खास है क्योंकि यहां माता-पिता (लालू यादव-राबड़ी देवी) के बाद बेटी रोहिणी आचार्य इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता राजीव प्रताप रूडी से सीधा मुकाबला कर रही हैं.

रोहिणी आचार्य VS राजीव प्रताप रूडी

चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर 17 लाख 95 हजार मतदाता हैं. जिनमें से 56.75 फीसदी वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिससे यहां के प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला होगा. एनडीए की तरफ से मैदान में भाजपा के राजीव प्रताप रूडी हैं, जो 2014 से यहां से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. वहीं रोहिणी आचार्य पहली बार चुनावी मैदान में हैं. यह उनका राजनीतिक डेब्यू है.

लालू यादव यहां से पहली बार जीते थे चुनाव

सारण लोकसभा सीट के खास होने का कारण यह भी है कि राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपना पहला लोकसभा चुनाव इसी सीट से जीत था. वो यहां से 1977 में जीत के संसद पहुंचे थे. उस वक्त यह सीट छपरा लोकसभा के नाम से जाना जाता था. वहीं जब परिसीमन के बाद 2009 में सारण लोकसभा सीट अस्तित्व में आया तो उस वक्त भी लालू यादव ने यहां से चुनाव लड़ा और राजीव प्रताप रूडी को शिकस्त दी थी. इसके पहले 2004 के चुनाव में भी लालू यादव ने राजीव प्रताप रूडी को हराया था.

विरासत पर कब्जे की जंग

2009 के बाद लालू यादव चुनाव नहीं लड़ पाए क्योंकि चारा घोटाले में दोषी पाए जाने के बाद उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गई थी. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से लालू यादव की पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मैदान में उतरी लेकिन राजीव प्रताप रूडी ने उन्हें शिकस्त दी. वहीं 2019 के चुनाव में यहां से लालू यादव के समधी और तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय मैदान में थे. रूडी ने उन्हें भी हरा दिया था. वहीं इस बार भी लालू परिवार से बेटी रोहिणी आचार्या चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में उनके सामने एक बार फिर से लालू यादव के विरासत पर कब्जे की जंग है.

Exit mobile version