Narendra Modi: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.
हाई कोर्ट से भी याचिका खारिज
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी भाषण देने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्वाचन आयोग को कार्रवाई करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया था. याचिका में इन कथित भाषणों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया गया था.
कोर्ट ने माना याचिका में कोई दम नहीं
सुनवाई के दौरान जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है. उन्होंने कहा कि आयोग कानून के अनुसार याचिकाकर्ता की शिकायत पर स्वतंत्र रूप से विचार कर सकता है. इस तरह, अभी वर्तमान याचिका बिल्कुल ही उपयुक्त नहीं है. इन परिस्थितियों में अदालत को वर्तमान याचिका में कोई दम नजर नहीं आता और इसे खारिज किया जाता है.
पीएम मोदी को छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने वाली याचिका भी हो चुकी है खारिज
इससे पहले 29 अप्रैल को भी दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिका में प्रधानमंत्री मोदी पर देवी-देवताओं के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की मांग की गयी थी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अपने भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री ने मतदाताओं से हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों के साथ-साथ सिख देवताओं और सिख पूजा स्थलों के नाम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट देने की अपील की थी.
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