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राजमहल, दीप सिंह : झारखंड के संताल परगना में राजमहल लोकसभा क्षेत्र के राजमहल प्रखंड में राजकीय मध्य विद्यालय इनायतपुर बूथ संख्या 176 और 177 में पर ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार कर दिया. शनिवार को सुबह 7:00 बजे मतदान शुरू होना था, लेकिन कोई मतदाता बूथ पर नहीं पहुंचा. बाद में कथित तौर पर प्रशासन के दबाव में कुछ लोगों ने वोट डाला.
Jharkhand के राजमहल में वोट बहिष्कार से प्रशासन में हड़कंप
वोट बहिष्कार की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. सामान्य प्रेक्षक सौरव पहाड़ी, एसडीओ कपिल कुमार, एसडीपीओ विमलेश कुमार त्रिपाठी, एलआरडीसी विमल कुमार, बीडीओ उदय कुमार सिन्हा व तीनपहाड़ थाना प्रभारी मो शाहरुख मौके पर पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता की. सभी ने ग्रामीणों से अपील की कि वे लोकतंत्र के इस महापर्व में भाग लें. अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें.
प्रशानिक पदाधिकारियों की अपील बेअसर
प्रशासनिक पदाधिकारियों की अपील का ग्रामीणों पर कोई असर नहीं पड़ा. उन्होंने साफ कहा कि हर बार चुनाव में राजमहल-तीनपहाड़ टीआर पैसेंजर ट्रेन के मुरली हॉल्ट पर ठहराव का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद उसे भुला दिया जाता है. इस बार आश्वासन की घुट्टी से काम नहीं चलेगा. जब तक इस हॉल्ट पर ट्रेन का ठहराव नहीं होगा, गांव के लोग मतदान नहीं करेंगे.
प्रशासन का वोट बहिष्कार से इंकार, ग्रामीण बोले- नहीं कर रहे वोट
उधर, बोकारो से अपने गांव मतदान के लिए पहुंचे एक सरकारी कर्मी गोपीनाथ मंडल ने अपने परिवार के साथ बूथ पर मतदान किया. सुबह 11 बजे तक बूथ नंबर 176 के 1036 में से मात्र 76 मतदाताओं ने वोट किया, जबकि बूथ नंबर 177 पर कुल 527 वोटर हैं, जिसमें से 14 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है. प्रशासन की ओर से वोट बहिष्कार के दावे को खारिज किया जा रहा है, जबकि मतदान केंद्र पर कोई मतदाता नहीं जा रहा. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन से जुड़े लोगों से जबरन मतदान करवाया जा रहा है. कोई आम मतदाता वोट नहीं डाल रहा.
बिना इलेक्शन एजेंट के मतदान शुरू करने का आरोप
बूथ संख्या 176 में एक राजनीतिक दल के बूथ एजेंट कमल कुमार ने कहा है कि प्रत्याशी के द्वारा उन्हें इलेक्शन एजेंट बनाया गया है. इलेक्शन एजेंट की मौजूदगी में मतदान शुरू होता है, लेकिन वोट बहिष्कार की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने बगैर इलेक्शन एजेंट के ही मतदान करवा दिया. यह नियम के अनुकूल नहीं है. इसकी शिकायत वहां मौजूद चुनाव पदाधिकारी से की गई है.
खुशी और गम के बीच फंसे हैं नए मतदाता
इनायतपुर और हरचंदपुर के वैसे नए मतदाता, जो पहली बार मतदान करने वाले हैं, उनमें खासा उत्साह है. उनकी समस्या यह है कि उनके अभिभावकों ने मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है. ऐसे में वह अपने गांव के लोगों और अभिभावकों की इच्छा के विरुद्ध नहीं जा पा रहे हैं. यही वजह है कि पहली बार वोट डालने के उनके अरमान पर पानी फिर रहा है.
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