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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 : भाजपा ने 4 जिलों में उतारे संत-महंत, प्रभावित कर रहे 42 सीटें

भाजपा ने अपनी पहली ही सूची में उतारे 4 सांसदों में बाबा बालकनाथ को अलवर की तिजारा सीट से एमएलए का उम्मीदवार बनाया. बालकनाथ इसी जिले के सांसद हैं. कांग्रेस ने बसपा से अपनी पार्टी में शामिल कर इमरान खान को टिकट दिया है.

By KumarVishwat Sen | November 17, 2023 7:16 PM
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वीरेंद्र आर्य

जयपुर : राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) ने जयपुर सहित 4 जिलों में संत-महंत उतारे हैं. ये इन चारों जिलों की 35 सीटों को प्रभावित कर रहे हैं. भाजपा को इन सीटों पर हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण का फायदा मिलने की उम्मीद है. भाजपा ने राजस्थान में अपने वोट बैंक को साधने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की 7 से अधिक सभाएं भी करवाई हैं. वोटों के ध्रुवीकरण को भाजपा ने यहां अपने प्रचार का मुख्य तरीका बनाया हुआ है. राजस्थान विधानसभा क्षेत्रों के आधार पर देखें, तो जिन चार जिलों में संत-महंतों को उतारा है, उससे जयपुर की 19, अलवर की 11, सिरोही की 3 और जैसलमेर की 2 सीटें प्रभावित हो रही हैं. जैसलमेर की पोकरण से उतरे महंत का प्रभाव बाड़मेर जिले पर भी पड़ रहा है. बाड़मेर जिले में 7 सीटें हैं.

अलवर के तिजारा से सांसद बालकनाथ

भाजपा ने अपनी पहली ही सूची में उतारे 4 सांसदों में बाबा बालकनाथ को अलवर की तिजारा सीट से एमएलए का उम्मीदवार बनाया. बालकनाथ इसी जिले के सांसद हैं. कांग्रेस ने बसपा से अपनी पार्टी में शामिल कर इमरान खान को टिकट दिया है. इमरान बसपा से पिछला लोकसभा चुनाव हारे थे और तीसरे नंबर पर रहे थे. बालकनाथ का पर्चा दाखिल करवाने के दौरान खुद योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे थे. करीब 39 वर्षीय बालकनाथ नाथ संप्रदाय के योगी है. बाबा बालकनाथ को स्थानीय लोग ‘राजस्थान का योगी’ भी कहते हैं. वे नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी रोहतक स्थित स्थल बोहर के महंत हैं. बालकनाथ का जन्म अलवर जिले के कोहराना गांव में एक किसान परिवार में हुआ है.

जैसलमेर के पोकरण से महंत प्रताप पुरी

जैसलमेर का पोकरण परमाणु परीक्षण के लिए जाना जाता है. यहां से भाजपा ने चंद वोट करीब 872 से पिछले विधानसभा चुनाव में हारे महंत प्रतापपुरी को ही वापस मौका दिया है. उनके सामने कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद हैं, जो सिंधी-मुस्लिम संप्रदाय के धर्मगुरु गाजी फकीर के बेटे हैं. प्रतापपुरी तारातारा मठ के प्रमुख हैं और यह मठ बाड़मेर इलाके में भी काफी सक्रिय हैं. प्रतापपुरी के कारण जैसलमेर और बाड़मेर की सीटों पर हिन्दु-मुस्लिम रंग देखा जा सकता है.

जयपुर के हवामहल से बाल मुकुंद आचार्य

भाजपा ने जयपुर की हवामहल सीट से बाल मुकुंद आचार्य को प्रत्याशी घोषित किया है. वे जयपुर की हाथोज धाम के महंत हैं. पिछले कुछ सालों से हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कई आंदोलन किए और यहां हिंदू पलायन का मुद्दा भी छाया रहा. भाजपा ने धार्मिक कार्ड खेलते हुए बाल मुकुंद आचार्य को पहली बार चुनाव मैदान में उतारा है. इनके सामने कांग्रेस ने केबिनेट मंत्री महेश जोशी का पत्ता साफ कर पहली बार चुनाव लड़ रहे आरआर तिवाड़ी को टिकट दिया है. बालमुकुंद आचार्य दावा करते हैं कि जयपुर के पुराने शहर (परकोटा) में कई स्थानों पर पहले सैंकड़ों मंदिर थे, जिन्हें नष्ट कर दिया गया. उनके पास इसके प्रमाण भी हैं. उनका दावा है कि वे हर मंदिर को वापस अस्तित्व में लाएंगे. बालमुकंद आचार्य महाराज अखिल भारतीय संत समाज राजस्थान के प्रमुख हैं.

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सिरोही से ओटाराम देवासी

इसके बाद भाजपा ने ओटाराम देवासी को सिरोही विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है. वे मुंडारा माता मंदिर के महंत हैं. देवासी भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. देवासी पहले पुलिस में सिपाही थे, बाद में आध्यात्म की राह चुनी और मां चामुंडा के भक्त बन गए. इस सीट पर कांग्रेस ने गहलोत के नजदीकी और सलाहकार संयम लोढ़ा को उतारा है. संयम का पिछली बार टिकट कट गया था और वे निर्दलीय जीत कर कांग्रेस को समर्थन दे दिया था.

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