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पंजाब की किसान पार्टियों में फूट : चुनावी रथ पर चढ़ते ही भटक गए चढ़ूनी, एसकेएम किसान नेताओं से बनाई दूरी

पंजाब की 117 विधानसभा सीटों से अपने प्रत्याशी उतारने का दावा करने वाले भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी को अब किसी करिश्मे की आस है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2022 1:29 PM

नई दिल्ली : संसद से तीनों कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही किसान आंदोलन की सफलता बिसात पर पंजाब में चुनावी रथ पर चढ़ने के बाद टिकट बंटवारे को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी रास्ते से भटक गए दिखाई दे रहे हैं. किसान आंदोलन समाप्त होते ही हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में किसानों को लड़वाने के लिए नई पार्टी संयुक्त संघर्ष पार्टी (एसएसपी) का गठन कर दिया, लेकिन खबर है कि टिकट बंटवारे को लेकर पंजाब के किसान नेता और संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल के साथ उनकी अनबन हो गई है. उधर, खबर यह भी है कि किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब में चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं से दूरी बना ली है.

अभी से ही फूलने लगा दम

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब की 117 विधानसभा सीटों से अपने प्रत्याशी उतारने का दावा करने वाले भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी को अब किसी करिश्मे की आस है. मीडिया की खबर में इस बात का जिक्र किया जा रहा है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में उन्हें जब अपना दम फूलता दिखाई देने लगा तो सीट बंटवारे को लेकर अब वे एसएसम के नेता बलवीर सिंह राजे के पर डोरे डाल रहे हैं. बताया जा रहा है कि इन दोनों नेताओं के बीच संभवत: आज यानी रविवार को कोई खिचड़ी पक सकती है.

सीट बंटवारे को लेकर राजेवाल से हुई अनबन

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पंजाब में एसएसएम के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल से अपने उम्मीदवारों के लिए 25 सीटों की मांग कर रहे थे, लेकिन राजेवाल 9 से अधिक सीट देने को तैयार नहीं थे. इसी बात को लेकर इन दोनों किसान नेताओं में मनमुटाव पैदा हो गया. अब जबकि गुरनाम सिंह चढूनी को पंजाब में खुद की दाल गलती दिखाई नहीं दे रही है, तो वे एक बार फिर राजेवाल से गले मिलने के लिए तैयार हो गए हैं.

एसकेएम ने चुनाव लड़ने वाले किसानों से बनाई दूरी

उधर, खबर यह है कि किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब में चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं से दूरी बना ली है. संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को ही इस बात का ऐलान कर दिया है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसान संगठन अब एसकेएम के हिस्सा नहीं होंगे. एसकेएम के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि एसकेएम पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसान संगठनों से सहमत नहीं है और वे अब एसकेएम का हिस्सा नहीं होंगे.

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उन्होंने कहा कि चुनाव में भाग ले रहे संगठन एसकेएम का हिस्सा नहीं हैं. हम आगामी दिनों में एसकेएम की बैठक में उनके साथ अपने संबंधों के बारे में फैसला करेंगे. वहीं, एसकेएम नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि एसकेएम का उनसे (चुनाव में भाग लेने वाले किसान संगठनों से) कोई लेना-देना नहीं है.

पंजाब में चुनाव लड़ रही किसानों की दो पार्टियां

बताते चलें कि पंजाब में किसानों की दो पार्टियों ने विधानसभा चुनाव में ताल ठोका हुआ है. दिल्ली की सीमाओं पर साल भर से ज्यादा समय तक कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का हिस्सा रहे एसकेएम के दो प्रमुख नेता गुरनाम सिंह चढूनी और बलबीर सिंह राजेवाल ने पंजाब में चुनावी मुकाबले में उतरने की घोषणा की है. चढूनी ने अपनी राजनीतिक पार्टी एसएसपी बनाई है. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) में शामिल रहे कुछ संगठनों ने चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) का गठन किया है, जिसे किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल नेतृत्व कर रहे हैं.

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