त्रिपुरा के चुनावी नतीजों में दिखा ग्रेटर टिपरालैंड मुद्दे का असर, जानिए टिपरा मोथा पार्टी बनाने की कहानी
Tripura Election Result: त्रिपुरा विधानसभा के चुनाव में शाही परिवार प्रद्योत किशोर माणिक्य देब बर्मा की टिपरा मोथा पार्टी ने भी धमाकेदार एंट्री मारी है. टिपरा मोथा पार्टी ने 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे.
Tripura Election Result: 60 सीटों वाली त्रिपुरा विधानसभा के चुनाव में शाही परिवार प्रद्योत किशोर माणिक्य देब बर्मा की टिपरा मोथा पार्टी ने भी धमाकेदार एंट्री मारी है. टिपरा मोथा पार्टी ने 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 12 प्रत्याशी रुझानों में आगे चल रहे हैं. हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि टिपरा मोथा पार्टी किसके साथ गठबंधन बनाएगी? संभावना जताई जा रही है कि वह बीजेपी के साथ जा सकती है. त्रिपुरा में बीजेपी 31 सीट पर और माकपा 17 सीटों पर आगे चल रही है.
जानिए क्या है ग्रेटर टिपरालैंड की मांग
त्रिपुरा के कई आदिवासी एक साथ आए और वे त्रिपुरा में अलग राज्य की मांग कर रहे हैं. जिसे ग्रेटर टिपरा लैंड कहा जाता है. इस लैंड की मांग करने के लिए टिपरा मैथा बना था. इनकी लंबे समय से मांग अलग राज्य की है. इसे लेकर वे प्रदर्शन करते रहे हैं. उनका कहना है कि उनके इस राज्य में सिर्फ आदिवासी ही रहे हैं. समूह की मांग है कि केंद्र संविधान के अनुच्छेद 2 और 3 के तहत अलग राज्य बनाए. त्रिपुरा की आबादी में करीब 70 फीसदी हिस्सा बंगाल समुदाय से आता है. 2011 की जनगणना के अनुसार त्रिपुरा में आदिवासी समाज की आबादी 31.8 फीसदी है. वहीं, त्रिपुरा की आदिवासी आबादी 19 अधिसूचित समुदायों में बंटी है.
त्रिपुरा से अलग एक नया राज्य होना चाहिए: प्रद्योत देबबर्मा
संस्कृति, सियासत और सरकार में बंगाली समुदाय के बढ़ते असर के खिलाफ आदिवासी समाज कई बार आंदोलित होता रहा है. टिपरा मोथा आदिवासी समाज की इन्हीं आकांक्षाओं की नुमाइंदगी करने का दावा करता है. प्रद्योत देबबर्मा का कहना था कि ग्रेटर टिपरालैंड आदिवासियों की विरासत, संस्कृति और हक को सुरक्षित करने के लिए त्रिपुरा से अलग एक नया राज्य होना चाहिए. हालांकि, चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने कहा कि वह त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएडीसी) के तहत संपूर्ण सियासी अलगाव की मांग कर रहे हैं. इसे राज्य के बंटवारे के बगैर हासिल किया जा सकता है. 1985 में संविधान की छठी अनुसूची के तहत आदिवासियों के अधिकार और विरासत सुनिश्चित करने के लिए टीटीएडीसी का गठन हुआ था.
प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा कौन हैं?
त्रिपुरा के पूर्व राजघराने में 4 जुलाई 1978 को प्रद्योत किशोर माणिक्य देब बर्मा का जन्म हुआ था. प्रद्योत किशोर माणिक्य देब बर्मा वर्तमान में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में रहते हैं. हालांकि, इनका बचपन दिल्ली में बीता था. त्रिपुरा में टिपरा मोथा पार्टी के अध्यक्ष प्रद्योत माणिक्य देब बर्मा के पिता किरीट बिक्रम किशोर देब बर्मा और उनकी मां बिभू कुमारी देवी है. किरीट बिक्रम कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं और तीन बार सांसद चुने गए. मां बिभू कुमारी देवी दो बार कांग्रेस विधायक व त्रिपुरा सरकार में मंत्री रहीं. 25 फरवरी, 2019 को प्रद्योत माणिक्य देब बर्मा को त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था. कुछ समय बाद ही इन्होंने एनआरसी मुद्दे अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
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