भाजपा छोड़ सपा में आए अमरनाथ मौर्या का शहर पश्चिमी से टिकट कटा, ऋचा सिंह किया नामांकन दाखिल
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो चुकी है. बीजेपी छोड़कर सपा में आए अमरनाथ मौर्या का शहर पश्चिमी से टिकट कट गया है. सपा ने शहर पश्चिमी विधानसभा से प्रत्याशी बदलते हुए ऋचा सिंह को एक बार फिर से उम्मीदवार बना दिया है.
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश विधानसभा के पांचवे चरण के नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी छोड़कर सपा में आए अमरनाथ मौर्या का शहर पश्चिमी से टिकट कट गया है. सपा ने शहर पश्चिमी विधानसभा से प्रत्याशी बदलते हुए ऋचा सिंह को एक बार फिर से उम्मीदवार बना दिया है. ऋचा ने मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल किया. वहीं, भाजपा छोड़ सपा में आए केशव प्रसाद मौर्य के करीबी अमरनाथ मौर्या का नामांकन के अंतिम दिन टिकट कटने से को लेकर दिन भर शहर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा.
अभी आधिकारिक रूप से लखनऊ से नहीं आया आदेश
बीजेपी छोड़कर सपा में आए अमरनाथ मौर्या के टिकट कटने की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है. वहीं पार्टी के कद्दावर नेताओं का कहना है कि रिचा सिंह ने नामांकन किया है. लखनऊ से जल्द ही आदेश आ जाएगा. गौरतलब है कि भाजपा छोड़कर सपा में आए केशव प्रसाद मौर्या के करीबी अमरनाथ मौर्या को लेकर समाजवादी पार्टी में ही तमाम तरह के मतभेज सामने आए थे. यहां तक ऋचा सिंह ने भी अपना टिकट कटने के बाद विरोध दर्ज कराया था.
ऋचा सिंह, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की पहली महिला अध्यक्ष रही हैं
ऋचा सिंह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गई थी. उन्होंने इलाहाबाद ने यूनिवर्सिटी ने ही पीएचडी किया है. 2017 के विधानसभा चुनाव में ऋचा ने कैबिनेट मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह को कड़ी टक्कर दी थी. ऋचा ने 60 60,182 से ज्यादा मत हासिल किए थे. वहीं सिद्धार्थनाथ 85,518 मत मिले थे. और उन्होंने 25,336 मत के अंतर से चुनाव जीत लिया था.
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जनता के बीच हर मुद्दे पर सत्ता में न होने के बाद भी खड़ी रही ऋचा
ऋचा पिछले 5 सालों से शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय विधानसभा चुनाव हारने और सत्ता में समाजवादी पार्टी के न होने के बावजूद जनहित के मुद्दों पर खड़ी रही. वहीं इस बार ऋचा का टिकट कटने से सपा समर्थकों और स्थानीय मतदाताओं में भी निराशा देखी जा रही थी. खैर अंतिम समय में सपने शहर पश्चिमी से प्रत्याशी बदल कर भाजपा के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है. हाकांकि, पर्चा वापसी का समय खत्म होने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी कि सपा से चुनावी मैदान में कौन होगा. प्रयागराज में 27 फरवरी को मतदान होना है.
रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज