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UP Election 2022: सिराथू से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने किया नामांकन, जेपी नड्डा रहे मौजूद

UP Election 2022: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार यानी आज सिराथू विधान सभा सीट से अपना नामांकन कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 3, 2022 12:35 PM
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UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी. इस बीच यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार यानी आज सिराथू विधान सभा सीट से अपना नामांकन कर दिया है. इस हाईप्रोफाइल नामांकन में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई दिग्गज मौजूद रहे.

सिराथू विधानसभा सीट का सियासी इतिहास

सिराथू विधानसभा सीट को कभी बहुजन समाज पार्टी (BSP) का गढ़ कहा जाता था. साल 1993 से लेकर 2007 तक यहां सिर्फ बसपा के प्रत्याशी ही विधायक चुने गए. इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में पहली बार कमल खिला और बीजेपी के टिकट पर केशव प्रसाद मौर्य ने जीत दर्ज की, हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर से सांसद चुने गए, जिसके बाद सिराथू सीट पर उपचुनाव हुए और सपा को भी खाता खोलने का मौका मिल गया. सपा इस जीत को आगे तक नहीं संभाल सकी, क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से बीजेपी के टिकट पर शीतला प्रसाद ने जीत दर्ज की.

सिराथू में सपा प्रत्याशी के नाम पर सस्पेंस बरकरार

सियासी समीकरण पर नजर डालें तो इस बार का चुनाव बीजेपी के लिए आसान नहीं दिख रहा. सिराथू में पटेल और कुर्मी मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. इधर, बीजेपी को घेरने के लिए समाजवादी पार्टी पहले ही इस सीट पर जाल बिछा चुकी है. सपा ने केशव प्रसाद मौर्य के सामने पल्लवी पटेल को उम्मीदवार बनाया, लेकिन खबर है कि पल्लवी पटेल में टिकट वापस कर दिया है. इधर, बसपा ने सिराथू से संतोष त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया है. कुल मिलाकर जातीय समीकरणों के हिसाब से इस सीट पर बीजेपी की राहें इस बार आसान नहीं होने वाली.

कैसे दो गुटों में बंट गया अपना दल

अपना दल उत्तर प्रदेश का एक राजनीतिक दल हैं, जिसकी स्थापना 4 नवम्बर 1995 को डॉ. सोनेलाल पटेल ने इंजिनियर बलिहारी पटेल के साथ मिलकर की थी. डॉ. सोनेलाल पटेल पूर्व में बहुजन समाज पार्टी में थे. कांशी राम से मतभेद के चलते उन्होंने समाज के दबे कुचले कमजोरों और पिछड़ों को लेकर अपना दल की नींव रखी. 17 अक्टूबर 2009 को एक सड़क दुर्घटना में डॉ. सोनेलाल पटेल का निधन हो गया. इसके बाद से अपना दल में फूट पड़ना शुरू हो गई, और आज ये दल दो धड़ों में बंट चुका है एक पत्नी कृष्णा पटेल का और दूसरा बेटी अनुप्रिया पटेल का. दोनों दलों का दावा है कि वे डॉ. पटेल के सपनों को साकार करने का काम करेंगे.

सिराथी के जातिगत आंकड़े

सिराथू में 34 फीसदी मतदाता पिछड़ा वर्ग से हैं और 33 प्रतिशत दलित वर्ग के मतदाता है. इसके बाद 19 प्रतिशत मतदाता सामान्य जाति से हैं. और 13 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है. पिछड़ा वर्ग और दलित वोट यहां निर्णायक स्थिति में रहते हैं.

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