उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी घटना के बाद तेजी से सियासी समीकरण बदल रहा है. वाराणसी में प्रियंका गांधी की रैली में जुटी भीड़ को लेकर कांग्रेस के नेता एक ओर जहां गदगद हैं. वहीं अखिलेश यादव ने भी गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है.
अखिलेश यादव ने सहारनपुर के एक कार्यक्रम में कहा कि अगर बीजेपी को उत्तर प्रदेश से हटाने के लिए जरुरत पड़ी, तो हम गठबंधन भी कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि गठबंधन शर्तों पर होगा और कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान दिया जाएगा.
वहीं रैली में सपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नाम और रंग बदलने वाले लोग, धोखा देने वाले लोग इतिहास बदलने का दावा करते हैं. यह नाम बदलकर इतिहास बदलना चाहते थे. यह वीरों की धरती है जिसके पूर्वजों ने 1857 की लड़ाई में अंग्रेजों को हिला दिया था. जो नाम बदलेगा उसे चुनाव में जनता बदल देगी.’
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बता दें कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव लगातार बड़े दलों से गठबंधन नहीं करने की बात कह रहे थे, लेकिन लखीमपुर खीरी घटना में प्रियंका गांधी की एंट्री से यूपी में कांग्रेस भी एक मुखर विपक्षी दल के रूप में उभरी है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस पूर्वी यूपी में पूरी तरह करीब 150 सीटों पर फोकस कर रही है. वहीं अखिलेश यादव के बयान के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है.
कांग्रेस नेता लगातार कर रहे गठबंधन की मांग– कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद लगातार सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की मांग कर रहे हैं. मसूद ने पिछले दिनों बयान जारी कर कहा कि अगर दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हुआ, तो बीजेपी को हराना मुश्किल हो जाएगा. इमरान मसूद पश्चिमी यूपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं.