गोपेश्वर (उत्तराखंड) : जोशीमठ ब्लॉक के दो गांवों में मतदान कराने के लिए पोलिंग पार्टियों को करीब 24 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा. इन गांवों के लोग तो रोज ही यह दूरी तय करते हैं. हालांकि इलाके के विधायक का दावा है कि जुलाई माह तक इन गांवों तक पहुंचाने वाली सड़क तैयार हो जाएगी. चुनाव में लेकिन पोलिंग पार्टियों को इस दावे से कोई राहत नहीं मिलने वाली.
जोशीमठ ब्लाक की ग्राम पंचायत डुमक और कलगोठ गांव में लगभग 150 परिवार निवास करते हैं. वर्ष 2012 में डुमक और कलगोठ गांव के लिए मैकोट-डुमक-कलगोठ और उर्गम-डुमक सड़क के निर्माण की शासन से मंजूरी मिली थी, लेकिन आज तक दोनों सड़कों का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है. उत्तरी अलकनंदा विकास संघ के अध्यक्ष आईएस सनवाल और बहादुर सिंह रावत का कहना है कि लोक सभा हो या विधानसभा चुनाव, प्रत्येक चुनाव (Uttarakhand Election) में प्रत्याशियों द्वारा उनके गांवों तक सड़क पहुंचाने का वायदा किया जाता है, लेकिन चुनाव बाद ये नेता पांच साल तक क्षेत्र की ओर मुड़कर भी नहीं देखते. ग्रामीण आज भी सड़क से वंचित हैं. ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने में करीब 24 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है.
इधर, पीएमजीएसवाई के ईई परशुराम चमोली ने बताया कि मैकोट-डुमक (28.78 किमी) सड़क का निर्माण अब अंतिम चरण में है. डुमक गांव अब सड़क से मात्र एक किलोमीटर दूर है. हार्ड रॉक (मजबूत चट्टान) होने के कारण हिल कटिंग कार्य में देरी हो रही है. सड़क निर्माण में दो मशीनें लगाई गई हैं. जल्द ही सड़क निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.
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इस चुनाव में प्रत्याशी और मौजूदा विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि दूरस्थ गांवों को सड़क से जोड़ना उनकी प्राथमिकता रही है. डुमक और कलगोठ गांव को शीघ्र सड़क से जोड़ने के लिए लगातार पीएमजीएसवाई के अधिकारियों के साथ सड़क निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई. चालू वर्ष के जुलाई माह तक डुमक गांव तक सड़क पहुंच जाएगी.