Punjab Elections: पंजाब वोटिंग के लिए तैयार, 1304 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे 2.14 करोड़ वोटर

Punjab Elections: पंजाब में सीएपीएफ के कम से कम 4,000 अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी पर लगाया जायेगा. संवेदनशील मतदान केंद्रों की कड़ी निगरानी की जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2022 10:37 PM
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चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए रविवार (20 फरवरी) को होने वाले मतदान की तैयारी पूरी हो चुकी है. करीब 2.14 करोड़ मतदाता पंजाब विधानसभा (Punjab Vidhan Sabha Chunav 2022) की 117 सीटों पर किस्मत आजमा रहे 1,304 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. प्रत्याशियों में 93 महिला हैं. मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि वोटिंग सुबह 8 बजे शुरू होगी और शाम छह बजे खत्म होगी. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.

4000 सीएपीएफ अफसरों की होगी तैनाती

मोगा जिला के एसएसपी चरणजीत सिंह सोहल ने बताया कि पूरे पंजाब में सीएपीएफ के कम से कम 4,000 अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी पर लगाया जायेगा. संवेदनशील मतदान केंद्रों की कड़ी निगरानी की जायेगी. सभी मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग और कैमरा सर्विलांस की जायेगी.

  • 117 विधानसभा सीटों के लिए कराये जायेंगे मतदान

  • 4000 सीएपीएफ के अधिकारियों की होगी तैनाती

  • सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक कर सकेंगे मतदान

पंजाब में इस बार बहुकोणीय मुकाबला

पंजाब में इस बार कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमणि अकाली दल (शिअद)- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन, भाजपा-पीएलसी-शिअद (संयुक्त) और विभिन्न किसान संगठनों की राजनीतिक इकाई संयुक्त समाज मोर्चा के बीच बहुकोणीय मुकाबला है. अपनी सत्ता को कायम रखने की कोशिश कर रही सत्तारूढ़ कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न राजनीतिक विरोधियों के तीखे हमलों का सामना करना पड़ा है, जिनमें मादक पदार्थ और भ्रष्टाचार का मुद्दा शामिल है.

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कांग्रेस इन हमलों का मुकाबला मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के 111 दिनों के कार्यकाल में बिजली की दरों और ईंधन की कीमत में कमी जैसे फैसलों से कर रही है. आम आदमी पार्टी (आप) जो सबसे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है, वह शासन के दिल्ली मॉडल को पेश कर सत्ता पर काबिज होने का प्रयास कर रही है. शिरोमणि अकाली दल का भी बहुत कुछ दांव पर लगा है, जो वर्ष 2020 में भाजपा के साथ कृषि कानूनों के मुद्दों पर नाता तोड़ने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरा है.

बड़े भाई की भूमिका में शिरोमणि अकाली दल

शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में छोटी सहयोगी रही भाजपा इस बार के गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है. भाजपा ने इस चुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नीत पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा नीत शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन किया है. भगवा दल ने मतदाताओं से ‘नवा पंजाब के लिए डबल इंजन की सरकार’ बनाने की अपील की है.

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किसान संगठन भी चुनाव के मैदान में

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसानों के आंदोलन में शामिल पंजाब के कई किसान संगठन भी ‘संयुक्त समाज मोर्चा’ बनाकर राज्य की विधानसभा चुनाव में उतरे हैं. उन्होंने इसके लिए हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) नेता गुरनाम सिंह चढूनी नीत संयुक्त संघर्ष पार्टी के साथ गठबंधन किया है.

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इस चुनाव में चर्चित चेहरे जिनकी चुनावी किस्मत दांव पर लगी है, उनमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा भगवंत मान, कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल प्रमुख हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भट्टल, भाजपा की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला भी इस चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं.

मुफ्त की सौगात बांटने में कोई पीछे नहीं

इस चुनाव में सभी प्रमुख पार्टियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए मुफ्त की सौगात देने के वादे किये हैं. ‘आप’ ने सभी महिलाओं को एक-एक हजार रुपये देने का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने भी जरूरतमंद महिलाओं को एक-एक हजार रुपये प्रति माह देने का वादा किया है. शिअद-बसपा गठबंधन ने नीले कार्ड (गरीबी रेखा से नीचे) धारक परिवार की महिला मुखिया को प्रत्येक महीने दो हजार रुपये देने का वादा किया है, साथ ही राज्य की 75 प्रतिशत सरकारी और निजी नौकरियों को पंजाब के युवाओं के लिए आरक्षित करने का वादा किया है. भाजपा गठबंधन ने भी इसी तरह का वादा किया है, लेकिन सरकारी नौकरियों के लिए.

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बड़े-बड़े नेताओं ने किये चुनाव प्रचार

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रचार किया. राज्य में चुनाव प्रचार शुक्रवार को समाप्त हुआ. गौरतलब है कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77, शिअद-भाजपा गठबंधन को 18, आप को 20 सीटें मिली थीं, जबकि 2 सीटें लोक इंसाफ पार्टी के खाते में गयी थी.

मोहाली प्रशासन को केजरीवाल पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश

पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने शनिवार को मोहाली जिला प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिया कि वह शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की शिकायत पर आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे. सुखबीर सिंह बादल नीत शिअद ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी पार्टी ‘आप’ पर उनके और अन्य पार्टियों पर कथित झूठे व तुच्छ आरोप लगाकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का दावा किया है.

मुख्यमंत्री चन्नी, सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ मामला दर्ज

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और मानसा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि शुक्रवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शाम 6 बजे के बाद वे मानसा में प्रचार करते पाये गये. मानसा से आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी विजय सिंगला की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है.

तीन खालिस्तानी आतंकी हथियार के साथ गिरफ्तार

पड़ोसी राज्य हरियाणा की सोनीपत पुलिस ने शनिवार को अलगाववादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट और सिख फॉर जस्टिस से जुड़े तीन खालिस्तान समर्थक आतंकियों को गोहाना से गिरफ्तार किया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आतंकियों के पास से एके-47 व तीन पिस्तौल सहित अन्य हथियार बरामद हुए हैं. वे पंजाब में चुनाव से पहले हत्या की वारदातों को अंजाम देने की फिराक में थे. पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसियों से सूचना मिली थी कि सोनीपत में आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले कुछ युवक सोशल मीडिया के जरिये कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में रह रहे खालिस्तान टाइगर फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन से जुड़े अलगाववादियों के संपर्क में हैं, जिनमें गुरजंट सिंह, बजिंदर सिंह निज्जर, लखबीर सिंह रोड और अर्शदीप शामिल हैं. (भाषा इनपुट के साथ)

Posted By: Mithilesh Jha

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