VIDEO : भोजपुरी गीत और एनिमेशन वीडियो के जरिये गिरमिटिया मजदूरों की दर्दभरी दास्तां बयां, आप भी देखें यह अनोखा प्रयोग

नयी दिल्ली : औपनिवेशिक शासकों द्वारा गन्ने की खेती के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश से विदेश ले जाये गये गिरमिटिया बंधुआ मजदूरों की दर्दभरी दास्तान अब एक नये एनिमेशन वीडियो में बयां की गयी है. ‘गिरमिटिया कंत्राकी’ नाम की इस परियोजना में एम्सटर्डम में रहने वाले एक पॉप गायक ने एक गाना गाया है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2017 3:03 PM

नयी दिल्ली : औपनिवेशिक शासकों द्वारा गन्ने की खेती के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश से विदेश ले जाये गये गिरमिटिया बंधुआ मजदूरों की दर्दभरी दास्तान अब एक नये एनिमेशन वीडियो में बयां की गयी है.

‘गिरमिटिया कंत्राकी’ नाम की इस परियोजना में एम्सटर्डम में रहने वाले एक पॉप गायक ने एक गाना गाया है, जिनके परदादा को भी बंधुआ मजदूरी के लिए सूरीनाम ले जाया गया था. उस समय सूरीनाम डच उपनिवेश था.

इस विषय पर किताबें लिखी जा चुकी हैं और डॉक्यूमेंटरी बनायी जा चुकी हैं. यह संभवत: पहली बार है जब उन मजदूरों के संघर्षों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी भावुक कहानी को बयां करने की इस तरह की कोशिश की गयी है, जिनके बहुत सारे वंशजों ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी ऊंचाइयां हासिल की हैं.

यहां देखें वीडियो (नियो बिहार से साभार)

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता नितिन चंद्र ने परियोजना को मूर्त रूप दिया है, जिन्होंने एनिमेशन के लिए स्टोरी बोडिंग सहित विषय पर गहन शोध किया. वह कहते हैं, 19वीं सदी के मध्य से करीब 1920 तक लाखों भारतीयों को विभिन्न ब्रिटिश, डच और फ्रेंच उपनिवेशों में बंधुआ मजदूरी के लिए ले जाया गया था. इनमें से अधिकतर बिहार और उत्तर प्रदेश के थे.

नितिन आगे बताते हैं, यह वीडियो उन सभी को समर्पित है जिन्हें बाहर ले जाया गया और साथ ही उनकी अदम्य भावना को सलाम करता है, जो उनके वंशजों को भी विरासत में मिली है. उन्होंने कहा कि वीडियो में राज मोहन (गायक) ने भोजपुरी में गाना गाया है. इस भाषा का चयन इसलिए किया गया कि अधिकतर मजदूर भोजपुरी भाषी क्षेत्र के ही थे और अपने घर से दूर होने पर भी उन्होंने उसकी भाषा एवं संस्कृति को सहेजकर रखा.

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