श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
पवनपुत्र हनुमान जी की यह स्तुति ‘हनुमान चालीसा’ की शुरुआती पंक्तियां हैं. इसकेबाद प्रभु श्रीराम के महान भक्त हनुमान के गुणों और कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन है.
यूं तो तुलसीदास जी ने ‘हनुमान चालीसा’ की रचना अवधी में की है, लेकिन प्रभु राम और हनुमान के भक्तों को यह काव्यात्मक रचना इतनी पसंद है कि यह भाषा, बोली, क्षेत्र और देश की सीमाएं लांघ चुका है.
तभी तो हनुमान जी की यह स्तुति कई अंदाज में पेश की जा चुकी है. लोग अपने अंदाज में हनुमान चालीसा का पाठ करते और गुनगुनाते हैं.
इसी क्रम में यूट्यूब पर हनुमान चालीसा का एक अनोखा ही अंदाज देखने को मिल रहा है. पश्चिमी अंदाज में हनुमान चालीसा को गाया है कैनेडियन कलाकार ब्रेंडा मैकमोरो ने.
ब्रेंडा खुद को कीर्तन आर्टिस्ट कहलाना पसंद करती हैं. उनकी टीम पश्चिमी वाद्य यंत्रों के साथ फुल एनर्जेटिक मूड में हनुमान चालीसा न सिर्फ गा रही है, बल्कि इस पर थिरकती भी नजर आ रही है.
हनुमान चालीसा का यह वेस्टर्न अंदाज रोचक है. लेकिन यह आपको कैसा लगा, यह तो इस वीडियो को देखने-सुनने पर ही पता चलेगा. तो देखिए यह वीडियो और खुद फैसला कीजिए कि हनुमान चालीसा का यह अनोखा अंदाज आपको अच्छा लगा या…?