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मैं बिलकुल द गर्ल नेक्स्ट डोर वाली लड़की हूं : सुमोना चक्रवर्ती

आमिर खान और मनीषा कोईराला अभिनित फिल्म मन से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत करने वाली सुमोना ने आगे जाकर कई फिल्में और सीरियल की. पर बतौर अभिनेत्री उन्हें घर-घर में पहचान मिली एकता कपूर के टीवी शो बड़े अच्छे लगते हैं से. कपिल शर्मा के शो कॉमेडी नाइट और द कपिल शर्मा शो […]

आमिर खान और मनीषा कोईराला अभिनित फिल्म मन से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत करने वाली सुमोना ने आगे जाकर कई फिल्में और सीरियल की. पर बतौर अभिनेत्री उन्हें घर-घर में पहचान मिली एकता कपूर के टीवी शो बड़े अच्छे लगते हैं से. कपिल शर्मा के शो कॉमेडी नाइट और द कपिल शर्मा शो में कपिल की पत्नी और फिर प्रेमिका के किरदार ने उन्हें एक नयी ऊंचाई दी. थियेटर, टीवी और सिनेमा के जरिये घर-घर में जगह बना चुकी सुमोना आजकल अपने नये क्राइम एंड सस्पेंस शो देव को लेकर काफी उत्साहित हैं. प्रभात खबर के गौरव से खास बातचीत में सुमोना ने अपने नये शो और खुद से जुड़ी कई और बातों को साझा किया.

सबसे पहले तो आपको नये शो की बधाई. अपने नये शो के बारे में थोड़ी जानकारी दें?

इस शो की सबसे खास बात है शो का एक फाइनाइट सीरिज में ऑन एयर होना. 26 एपिसोड के इस सीरिज में आपको मिस्ट्री के अलावा एक्शन, इमोशन, रोमांस और फील भी देखने को मिलेगा. एक लाइन में कहूं तो यह शो फुल पैकेज इंटरटेनर साबित होने वाला है. बाकी सारे क्राइम शो की तरह यह केवल फिक्शन नहीं है बल्कि रियल घटनाओं को कहानी में पिरोकर इसे काफी मजेदार तरीके से बनाया गया है.

इस शो या किरदार की कौन सी खास बात थी जिसने आपको शो करने के लिए अट्रैक्ट किया?

काफी सारे डेली शोप्स और सालों तक चलने वाले शोज कर-कर के बोर हो गयी थी. जैसे ही फाइनाइट सीरिज की बात सुनी मन में तुरंत इसे करने का ख्याल आया. फिर इसके स्क्रिप्ट ने भी आकर्षित किया. मेरे लिहाज से हर कहानी का एक मुकम्मल अंत होना चाहिए जो मुझे इस शो में दिखा. और जहां तक किरदार की बात है तो इससे पहले मैंने किसी शो में मां का किरदार नहीं निभाया था. मुझे पता है कई एक्ट्रेस टाइपकास्ट होने के डर से ऐसे किरदार निभाने को जल्दी तैयार नहीं होती. एक ऐसी सिंगल मदर जो काफी स्ट्रांग भी है इस तरह के जॉनर का किरदार देखते ही झट से मैंने हां कर दिया. आजतक मैंने जितने भी किरदार निभाए हैं कभी खुद को रिपीट नहीं किया, हमेशा अपने काम में वेराइटी रखी. ये भी वजह थी एक वजह थी शो स्वीकारने की.

किसी शो का चुनाव करते वक्त सबसे पहले क्या देखती हैं?

कंटेंट. सबसे पहले कंटेट ही है जो मुङो हां या ना कहने को बाध्य करता है. बैनर, प्रोडक्शन, निर्देशक या फिर अन्य सारी चीजें इसके बाद आती हैं, पर मेरी पहली प्राथमिकता कंटेट ही होती है.

आपने टीवी, फिल्म और कई सारी थियेटर की. आपके लिए अभिनय क्या है?

मेरे लिए अभिनय मेरा पहला और आखिरी पैशन है. आपको भी पता है कि दुनिया में बहुत कम ऐसे खुशकिस्मत होते हैं जिनको उनके पैशन को ही कैरियर बनाने का मौका मिलता है. और मैं अपने आप को उन चुनिंदा खुशकिस्मतों में से एक मानती हूं.

टीवी और फिल्म, दोनों की अलग-अलग क्या खासियत महसूस करती हैं?

मेरे लिए दोनों एक्सप्रेशन का एक माध्यम है. तकनीकी तौर पर कहूं तो फिल्में बड़े स्तर पर बनती हैं तो थोड़ी ज्यादा मुश्किल है. लाइट, कैमरा और अन्य तकनीकी चीजों का कैनवास बड़ा होता है तो जाहिर तौर पर पूरे दिन में शायद एक दो सींस की शुटिंग हो पाती है. वहां हमारे सीखने के अवसर भरपूर मात्र में होते हैं. टीवी अपेक्षाकृत तकनीकी तौर पर थोड़ा पीछे है, बस. पर मेरे लिए दोनों जगह बराबर है. मेरा कैरेक्टर और स्क्रिप्ट जहां ज्यादा वजनदार होगा मैं वहीं काम करना पसंद क रूंगी.

आपने सीरियस, कॉमेडी के साथ ही और भी कई तरह के किरदार किये हैं. असल जिंदगी में सुमोना इनमें से कैसी है?

(हंसते हुए) मैं…देखिये मैं जैसा किरदार सीरियल्स या फिल्मों में प्ले करती हूं वैसी तो बिलकुल नहीं हूं. कोसों दूर हूं उनसे. मुझे करीब से जानेंगे तो मुझमें आप द गर्ल नेक्स्ट डोर वाली छवि ही पाएंगे. सिंपल एंड पॉजिटिव. थोड़ी-बहुत सिमिलरिटी तो हर किरदार की हर इंसान से होती है, पर ईमानदारी से कहूं तो अबतक मुङो कोई ऐसा किरदार ही ऑफर नहीं हुआ जो मुझसे मैच कर सके. और मैं ऊपर वाले से दुआ करूंगी ऐसा कभी हो भी नहीं (हंसते हुए)

बचपन की कोई मोमेंट शेयर करेंगी जब आपको पहली बार लगा कि मुझे अभिनय के फील्ड में जाना है?

सीरियसली कहूं एक्टिंग का तो याद नहीं पर हां वो वक्त हमेशा से मेरे जेहन में है जब सुस्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था. उस वक्त मैं काफी छोटी थी, पर स्टेज पर क्राउन के साथ सुस्मिता को देख मन में यह बात बैठ गयी कि बिलकुल उस जैसा तो नहीं पर मुझे भी कुछ ऐसा बड़ा करना है. वो पहली घटना थी जिसने मुझे कुछ बड़ा करने को प्रेरित किया. आगे जाकर स्कूल-कॉलेज में थियेटर करते-करते सफर यहां तक आ पहुंचा.

खुद के करियर के उतार-चढ़ाव और अनुभवों के आधार पर यंगस्टर्स को क्या एडवाइस देना चाहेंगी.

मैंने खुद भी बिना किसी सपोर्ट और गॉडफादर के यहां तक का सफर तय किया है. इसके लिए मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की, जमकर मेहनत की. मेरे पास कई ऐसे युवा आते हैं जो बताते हैं कि मैंने इस फील्ड में आने के लिए पढ़ाई छोड़ दी. मैं बताना चाहूंगी कि एजूकेशन ही है जो आपको इंडिविजुअली और कैरियर शेपिंग में पिलर की तरह मदद करता है. तो पहले अपनी शिक्षा पूरी करो, मेहनत करो, सफलता जरूर मिलेगी.

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