जब अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में अपना पैर जमा रहे थे, तब सुपरस्टार राजेश खन्ना ने उनकी समयनिष्ठा की यह कहते हुए खिल्ली उड़ायी थी कि यह क्लर्कों का गुण है.
एक पुस्तक में यह खुलासा किया गया है. खन्ना अपने नखरे और शूट के लिए देर से आने के लिए जाने जाते थे, जबकि बच्चन बिल्कुल पेशेवर और समयनिष्ठ होने को लेकर फिल्म बिरादरी में प्रशंसा बटोर रहे थे.
वीरेंद्र कपूर की पुस्तक एक्सेलेंस – द अमिताभ बच्चन वे कहती है, उन्होंने (राजेश खन्ना) एक साक्षात्कार में परोक्ष रूप से कहा था कि वह मानते हैं कि क्लर्क समयनिष्ठ होते हैं और वह कोई क्लर्क नहीं बल्कि कलाकार हैं.
उस दौर में बच्चन अभी स्टार के रूप में उभर ही रहे थे और उन्हें लोगों से प्रशंसा मिलना शुरू ही हुआ था. पुस्तक में कहा गया है, अपनी स्थिति के बारे में शेखी बघारते हुए राजेश खन्ना ने कहा कि वह अपने मूड के गुलाम नहीं है बल्कि मूड उनके गुलाम हैं.
पुस्तक के मुताबिक, लेकिन बच्चन ने न केवल खन्ना के प्रति अपना सम्मान बनाये रखा. उन्होंने यह माना कि राजेश खन्ना उनके लिए हमेशा ही सुपरस्टार हैं.
बच्चन इस बात से बहुत प्रभावित थे कि दिवंगत अभिनेता ने 1991 तक 25 साल में 153 फिल्में की, उनमें 101 सोलो और 21 में कई स्टार वाली फिल्में हैं.
लेकिन बाद में बच्चन ने बॉलीवुड के एंग्री यंगमैन बनकर एक तरह से खन्ना की जगह ले ली. पुस्तक में कहा गया है, लेकिन एक साक्षात्कार में बच्चन ने माना कि उन्होंने कभी मुख्य किरदार की आशा नहीं की थी.
वह हमेशा सोचते थे कि वह बहुत अच्छा नहीं दिखते हैं और महसूस करते थे कि वह राजेश खन्ना की तरह कभी अच्छा नहीं दिखेंगे. फिल्मफेयर में खन्ना के फोटो देखने के बाद अक्सर बच्चन कहते थे, यार ये आदमी क्या खाता है?
इसके गाल इतने लाल कैसे हैं? बॉलीवुड में मशहूर अभिनेता होने के बावजूद अमिताभ बच्चन ने एक दुर्लभ साक्षात्कार में खुलासा किया कि दोनों ने आनंद और नमक हराम के सेट पर एक दूसरे से खटपट, बहसबाजी या किसी तरह से एक दूसरे को उखाड़ने की कोशिश नहीं की.