मंटो भी थे नूरजहां की आवाज के मुरीद

हिंदी सिने जगत में नूरजहां ने गायिकी और अभिनय से लगभग चार दशकों तक श्रोताओं के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है. दुनिया उनकी जादुई आवाज और खूबसूरती पर फिदा रही है. हालांकि कथा-साहित्य के किंवदंती पुरुष सआदत हसन मंटो की नजर में वह मल्लिका-ए-तरन्नुम तो थीं, पर खूबसूरती की देवी नहीं. मंटो नूरजहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2018 5:42 AM
हिंदी सिने जगत में नूरजहां ने गायिकी और अभिनय से लगभग चार दशकों तक श्रोताओं के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है. दुनिया उनकी जादुई आवाज और खूबसूरती पर फिदा रही है.
हालांकि कथा-साहित्य के किंवदंती पुरुष सआदत हसन मंटो की नजर में वह मल्लिका-ए-तरन्नुम तो थीं, पर खूबसूरती की देवी नहीं. मंटो नूरजहां के पति शौकत रिजवी के करीबी मित्र थे, इसलिए उन्हें अक्सर नूरजहां से मिलने का मौका मिलता था. जहां तक संगीत की बात है, तो मंटो नूरजहां को उस जमाने के शीर्ष गायक कुंदन लाल सहगल की टक्कर का कलाकर मानते थे. उन्होंने नूरजहां की संगीत प्रतिभा से प्रभावित होकर ‘नूरजहां सरूर-ए-जहां’ नाम से एक पुस्तिका लिख कर उनकी गायिकी को श्रद्धांजलि दी थी.

Next Article

Exit mobile version