सत्यजीत रे के बारे में कही शर्मिला टैगोर की यह बात आपको सोचने पर मजबूर कर देगी

नयी दिल्ली : मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने भारतीय सिनेमा के अग्रदूतों में से एक सत्यजीत रे के साथ काम करने के अनुभव को याद करते हुए कहा कि उनकी फिल्में आज भी प्रासंगिक हैं और यह लोगों में गहरा आशावाद पैदा करती हैं. 73 वर्षीय अभिनेत्री ने अपने करियर की शुरुआत रे की फिल्म […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2018 10:36 PM

नयी दिल्ली : मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने भारतीय सिनेमा के अग्रदूतों में से एक सत्यजीत रे के साथ काम करने के अनुभव को याद करते हुए कहा कि उनकी फिल्में आज भी प्रासंगिक हैं और यह लोगों में गहरा आशावाद पैदा करती हैं.

73 वर्षीय अभिनेत्री ने अपने करियर की शुरुआत रे की फिल्म ‘अपूर-संसार’ से की थी और बाद में भी उन्होंने निर्देशक की फिल्म ‘देवी’ और ‘नायक’ में काम किया. नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी में यहां सत्यजीत रे पर केंद्रित दो दिवसीय कार्यक्रम ‘रिविजिटिंग रे’ का अभिनेत्री ने उद्घाटन किया.

रे की 97वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में उनकी फिल्मों पर सम्मेलन और प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है. अभिनेत्री ने कहा, रे सिर्फ दो कामों के लिए पैसे लेते थे- पटकथा और निर्देशन.

अपने काम के प्रति उनकी निष्ठा और समझौते से इनकार ही उनकी विरासत है. उन्होंने कहा, आज हम तकनीक के चलते घटती दूरियों के बारे में बात करते हैं और फिर भी हम दुनिया को बांटने वाली कई चीजों के गवाह बन रहे हैं.

ऐसी स्थिति में मैं महसूस करती हूं कि रे जैसे कला के महारथियों के पास हम इन सवालों के जवाब की तलाश करने और अपने लोगों को समझने के लिए जा सकते हैं.

दूसरों की तकलीफ को खुद की तकलीफ समझने के लिए हम रे के पास जाते हैं. अभिनेत्री ने कहा कि वह निजी रूप से रे की ऋणी हैं क्योंकि उन्होंने ही उन्हें सिनेमा की भाषा सिखायी.

Next Article

Exit mobile version