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FIFA World Cup फ्लैश बैक: हालैंड का सपना तोड़ अर्जेंटीना ने पहली बार जीता विश्व खिताब

-1978 विश्व कप 1974 के विश्व कप में दिग्गज टीमें क्वालिफाइंग राउंड से बाहर थीं, लेकिन 1978 में इनका दबदबा कायम रहा. चार वर्ष पहले फिसड्डी साबित हुई अर्जेंटीना की टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए पहली बार विश्व खिताब पर कब्जा जमाया. एक से 25 जून तक आयोजित इस टूर्नामेंट में 38 मैच खेले […]

-1978 विश्व कप

1974 के विश्व कप में दिग्गज टीमें क्वालिफाइंग राउंड से बाहर थीं, लेकिन 1978 में इनका दबदबा कायम रहा. चार वर्ष पहले फिसड्डी साबित हुई अर्जेंटीना की टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए पहली बार विश्व खिताब पर कब्जा जमाया. एक से 25 जून तक आयोजित इस टूर्नामेंट में 38 मैच खेले गये. पहली बार गोल के आंकड़े ने 100 पार किया. इस टूर्नामेंट में दर्शकों की संख्या भी बढ़ी थी.

सके पहले विश्व कप में फिसड्डी साबित हुई अर्जेंटीना की टीम ने 1978 के विश्व कप फुटबॉल में शानदार वापसी की. 1978 का विश्व कप फुटबॉल अर्जेंटीना में हुआ. इस विश्व कप का खिताब मेजबान अर्जेंटीना ने जीता. अर्जेंटीना ने फाइनल में हॉलैंड को 3-1 से हराया. फाइनल मैच का फैसला अतिरिक्त समय में हुआ. अर्जेंटीना ने पहली बार विश्व कप का खिताब जीतने में सफलता पायी और विश्व कप जीतनेवाली छठी टीम बनी. इस विश्व कप का स्वरूप 1974 के विश्व कप की तरह ही रहा. 16 टीमें इसके लिए क्वालिफाइ हुईं. टीमों को चार-चार के ग्रुप में रखा गया. ग्रुप मैच के बाद चार-चार टीमों के दो ग्रुप बांट दिये गये. इसके बाद दोनों ग्रुपों की विजेता के बीच फाइनल मैच हुआ. लगातार दूसरी बार हॉलैंड की टीम फाइनल मैच में हार गयी. 1974 में हॉलैंड की टीम पश्चिम जर्मनी से हार गयी थी. इस विश्व में सबसे ज्यादा गोल मारे मारियो केम्पेस ने. उन्होंने छह गोल दागे. ग्रुप-ए में इटली की टीम शीर्ष पर रही. अर्जेंटीना की टीम को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा. ग्रुप-2 में पोलैंड की टीम शीर्ष पर रही. ग्रुप-3 से ऑस्ट्रिया और ग्रुप-4 से पेरू की टीम शीर्ष पर रही.

असली कहानी दूसरे दौर से शुरू हुई. पहले ग्रुप से हंगरी आसानी से जीत कर फाइनल में पहुंच गया, लेकिन दूसरे ग्रुप की कहानी बिल्कुल अलग रही. ग्रुप-बी के दो मैचों के बाद भी ब्राजील और अर्जेंटीना के अंक बराबर थे. अब इस ग्रुप का फैसला दोनों टीमों के आखिरी मैचों पर निर्भर था. फीफा ने इस बात पर जोर नहीं दिया कि दोनों मैच एक ही समय पर शुरू हों. नतीजा ये हुआ कि ब्राजील ने पोलैंड को तो 3-1 से हरा दिया, लेकिन अर्जेंटीना के सामने फाइनल में पहुंचने का लक्ष्य भी मिल गया, क्योंकि उसका मैच ब्राजील के मैच के बाद हुआ. अर्जेंटीना ने इसका लाभ उठाया और पेरू को 6-0 के बड़े अंतर से पराजित किया. हालांकि उस मैच में पेरू के गोलकीपर पर सवाल उठाये गये.

कहा जाता है कि अर्जेंटीना मूल के पेरू के गोलकीपर के कारण ही अर्जेंटीना इतना स्कोर कर पाया. कारण जो भी हो अर्जेंटीना की टीम फाइनल में पहुंचने में सफल रही और ब्राजील की टीम बाहर हो गयी. फाइनल मैच काफी उत्तेजना भरा रहा. मेजबान अर्जेंटीना की टीम पहली बार फाइनल खेल रही थी, तो लगातार दूसरी बार फाइनल में उतरी थी हॉलैंड की टीम. हॉलैंड की टीम का सपना एक बार फिर टूटा और मेजबान टीम ने विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया. अर्जेंटीना ने फाइनल में हॉलैंड को 2-1 से मात दी.


खास बातें
मेजबान : अर्जेंटीना
तिथि : एक से 25 जून, 1978
वेन्यू : 6 (5 शहर)
विजेता : अर्जेंटीना
उपविजेता : नीदरलैंड
तीसरा स्थान : ब्राजील
चौथा स्थान : इटली
मैच : 38
गोल : 102
दर्शक : 1,545,791
टॉप स्कोरर : मारियो केमपेस (6 गोल)
यंग प्लेयर : एंटोनियो कैब्रिनी

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