मास्को : फुटबॉल जगत के सुपरस्टार लियोनेल मैसी की अगुवाई वाली अर्जेंटीना पहली बार इस फीफा विश्व कप 2018 में खेल रहे आइसलैंड के खिलाफ शनिवार को यहां बड़ी जीत दर्ज करके अपने अभियान की धमाकेदार शुरुआत करने की कोशिश करेगा. बार्सिलोना के स्टार मैसी अपने देश को बड़े टूर्नामेंटों में खिताब दिलाने में नाकाम रहे हैं. पिछली बार के उपविजेता अर्जेंटीना यहां तीसरी बार विश्व चैंपियन बनने कवायद में यहां पहुंचा और एक बार फिर से सभी की निगाहें मैसी पर टिकी हैं. विश्व कप में ग्रुप डी में सभी टीमें लगभग बराबरी की हैं. इसमें आइसलैंड को ही कुछ कमजोर माना जा रहा है, लेकिन पिछले दो वर्षों में उसने शानदार प्रदर्शन किया और ऐसे में उसे कम करके आंकना किसी भी टीम के लिए भूल होगी. इसके बावजूद अर्जेंटीना की निगाह इस मैच में बड़ी जीत दर्ज करने पर टिकी रहेगी, क्योंकि इसके बाद उसका सामना नाईजीरिया और क्रोएशिया जैसी दमदार टीमों से होगा.
अर्जेंटीना का क्वालिफाइंग का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था और एक समय उस पर विश्व कप से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन मैसी ने इक्वाडोर के खिलाफ हैट्रिक जमा कर अपनी टीम को रूस का टिकट दिलाया था. अर्जेंटीना की टीम मैसी पर किस कदर निर्भर है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि क्वालिफाइंग के बाद उसने स्पेन और नाईजीरिया के खिलाफ जो दो मैच गंवाये उन दोनों में यह स्टार स्ट्राइकर नहीं खेल पाया था. अब ग्रुप डी के पहले मैच में फिर से उसका दारोमदार मैसी पर टिका रहेगा. मैसी 2014 में विश्व कप जीतने का अपना सपना पूरा करने के करीब पहुंचे थे, लेकिन फाइनल में जर्मनी के हाथों 1-0 की हार उन्हें अब भी सालती होगी. वह निश्चित तौर पर यहां इसकी भरपायी करना चाहेंगे. गोलकीपर सर्जियो रोमेरो और फारवर्ड मैनुएल लांजिनी के चोटिल होने के कारण बाहर होने से 30 वर्षीय मेस्सी की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गयी है. स्पार्टक स्टेडियम में होने वाले इस मैच में आइसलैंड के लिये मेस्सी, सर्जियो एगुएरा, एंजेल डि मारिया और गोंजालो हिगुएन को रोकना चुनौती होगी.