प्रभात खबर की खास बातचीत
पटना : आर्टिस्ट वह होता है, जो दूसरों के लिए इंटरटेनर होता है, लेकिन वह खुद के लिए प्रोफेशनल होता है. लोग भले ही उसे मस्ती के रूप में लेते हैं, लेकिन उस इंटरटेनमेंट के पीछे बहुत मेहनत भी छुपा होता है. इंटरटेनमेंट से जुड़े आर्टिस्ट के बारे में ऐसी कई तरह की बातें इंडियन आइडल फेम दीपाली सहाय ने कही. शुक्रवार को वे प्रभात खबर के कार्यालय में पहुंची थी. यहां आकर उन्होंने कई तरह की बातों को साझा किया. उन्होंने बताया कि मेरी पहचान इंडियन आइडल से मिली है. मेरे पीछे इंडियन आइडल का टैग लगा हुआ, जो कि मुझे इस इंडस्ट्री में बहुत काम देता है. इस वजह से मुझे शुरुआत से ही मुंबई में पहचान बनाने की जरूरत नहीं मिली है. इसलिए मैं खुद को लकी मानती हूं.
सुनना पड़ता है कमेंट
वैसे तो मुंबई हर किसी के बस की बात नहीं है, लेकिन एक कलाकार के नाते मुझे किसी तरह की परेशानी नहीं हुई, लेकिन वहां लोग बिहारी पर कमेंट करते हैं. इंडस्ट्री में कई लोग कहते हैैं कि तुम बिहारी हो तुम्हें इंगलिश बोलने आती है. तुम गांव में रहती होगी…ऐसे कई तरह की बातों को सुनना पड़ता है, लेकिन इन सब का जवाब मैं अपने काम से देती हूं. बॉलीवुड इंडस्ट्री हो या कोई और इंडस्ट्री कई बिहारी लोग परचम लहरा रहे हैं. इसलिए मैं इन बातों को दिल पर नहीं लेती. मैं अपने शहर पटना को बहुत मिस करती हूं. यहां दरवाजा खोलते ही लोगों की स्माइल मिलती है.
खुद को परखें
इस जमाने में कई नये रियेलिटी शो आ रहे हैं. कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, जिसमें नये लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं, तो कई लोग किस्मत आजमाने के लिए मुंबई चले आते हैं, लेकिन मुंबई में ऐसे कई लोग पहले से मौजूद रहते हैं. इसलिए अपने टैलेंट को पॉलिश कर के ही मुंबई पहुंचे, तभी जा कर सफलता मिलेगी. क्योंकि आज भी मुंबई लोग बहुत लोग स्ट्रगल करते-करते सालों गुजार देते हैं. फिर भी कुछ हासिल नहीं होता. इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोग शॉर्ट-कट में सफलता पाना चाहते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि खुद को तैयार किये मुंबई का सफर तय कर लेते हैं, जो कि सही रास्ता नहीं है. इसके लिए पूरी मेहनत करनी पड़ती है.
11 साल के सफर के बाद फिर से संगीत
दीपाली कहती हैं कि मुझे मुंबई में रहते हुए करीब 11 साल हो गये. इन 11 सालों में मैंने इंडियन आइडल की प्रतिभागी के अलावा इंडियन आइडल को होस्ट भी किया है. कई टीवी सीरियल, रियेलिटी शो, स्टेज शो के अलावा कई तरह के काम किये है, लेकिन 11 साल में किये गये कई तरह के कामों के बाद फिर से सिर्फ संगीत की तरफ मुड़ रही हूं. मैं हर दिन रियाज कर रही हूं. वॉयस मॉड्यूलेशन पर ध्यान दे रही हूं. साथ ही कि-बोर्ड भी सिख रही हूं. मैंने शुरुआत में संगीत की शिक्षा पटना में ही ली थी. फिर से संगीत पर ही ध्यान दे रही हूं. सभी के कॉन्टेक्ट में रहती हूं. कई बड़े प्रोजेक्ट के ऑफर मिले हैं, लेकिन अभी खुलासा नहीं कर सकती, जहां तक कलाकारों की परिस्थितियों की बात है, तो मेरा मानना है कि सूरज उगेगा, तो डूबेगा ही. इसलिए हर परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.
पहली बार गाया है भोजपुरी गाना
हिंदी रियेलिटी शो इंडियन आइडल में आवाज का जादू बिखेर बिहार का नाम रौशन करने वाली दीपाली पहली बार भोजपुरी गाना में अपना आवाज दिया है. वे कहती हैं कि मुझे भोजपुरी पसंद है, लेकिन भोजपुरी फिल्मों के स्तर को देखते हुए भोजपुरी गाने से परहेज करती हूं, लेकिन यह गाना सच में बहुत बेहतरीन है. पहली बार मुझे ऑफर मिला, तो मैं कंफ्युज थी, लेकिन गाने के बोल सारी-सारी रतिया…बहुत बढिया है. यह सिंगल गाना है, जो न किसी फिल्म है और न ही किसी एलबम है. गाना रिलीज होते ही लोगों को बहुत पसंद आ रही है. गाने में ट्रेडिशनल लाइन्स है और इसकी पिक्जराइजिंग भी रेट्रो जमाने के तौर पर किया गया है. इसके लिए एक सप्ताह का समय लगा, जो मुंबई में शूट हुआ है.