फुटबॉल विश्व कप में अंधविश्वास का साया, कोई नीली अंडरवियर को लकी मानता है तो कोई बायीं ओर बने टायलेट को
मास्को : विश्व कप में भाग ले रहे फुटबॉलरों के अनूठे अंधविश्वास भी हैरान कर देने वाले हैं मसलन किसी का मानना है कि ‘ लकी ‘ अंडरवियर पहनने से कामयाबी मिलेगी तो कोई डाइटिंग और वर्जिश के जरिये कामयाब होना चाहता है. खिलाड़ी और कोचों में अंधविश्वास का आलम यह है कि वे सफल […]
मास्को : विश्व कप में भाग ले रहे फुटबॉलरों के अनूठे अंधविश्वास भी हैरान कर देने वाले हैं मसलन किसी का मानना है कि ‘ लकी ‘ अंडरवियर पहनने से कामयाबी मिलेगी तो कोई डाइटिंग और वर्जिश के जरिये कामयाब होना चाहता है.
खिलाड़ी और कोचों में अंधविश्वास का आलम यह है कि वे सफल होने के लिये हर दाव आजमाना चाहते हैं. कोलंबिया के गोलकीपर रेने हिगुइटा का मानना है कि नीली अंडरवियर पहनने से उन्हें कामयाबी मिलेगी तो जर्मन स्ट्राइकर मारियो गोमेज मैच से पहले एकदम बायीं ओर बनी टायलेट इस्तेमाल करते हैं.
गोमेज के साथी खिलाड़ी जूलियन ड्राक्सलेर बड़े मैच से पहले उन्हें परफ्यूम लगाते हैं. खेल मनोवैज्ञानिक डान अब्राहम्स ने कह ,‘हर खिलाड़ी मैच से पहले कोई नियम रखता हे. आम तौर पर इनका प्रदर्शन से कोई सरोकार नहीं होता लेकिन खिलाड़ियों को ऐसा लगता है.’
इंग्लैंड के फिल जोंस जैसे कुछ खिलाड़ी सफेद लाइन पर चलना पसंद नहीं करते जबकि ब्राजील के डिफेंडर मार्शेलो हमेशा पिच पर पहले दायां कदम रखते हैं. मोरक्को के हर्व रेनार्ड सफेद कमीज पहनते हैं जिससे उन्हें अफ्रीकी कप आफ नेशंस में तो सफलता मिली लेकिन विश्व कप में नहीं.
फ्रांस की 1998 विश्व कप टीम के खिलाड़ी मैच से पहले गोलकीपर के गंजे सिर पर हाथ फेरते थे. डिफेंडर लारेंट ब्लांक हर मैच से पहले बार्थेज के सिर पर चुंबन देते थे.