सेंट पीटर्सबर्ग : अगर मैदान के अंदर लियोनेल मेस्सी का जादू चल रहा था तो मैदान के बाहर वीआईपी बाक्स में बैठे डियगो माराडोना की तूती बोल रही थी लेकिन अर्जेंटीना की विश्व कप में नाईजीरिया पर जीत के दौरान खुलकर खुशी और गम का इजहार करने वाले इस महान फुटबालर की तबीयत आखिर में खराब लग रही थी. इस 57 वर्षीय दिग्गज ने मैच शुरू होने से पहले नाईजीरिया की एक महिला प्रशंसक के साथ ठुमके लगाये तथा अपने प्रशंसकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया.
अर्जेंटीना की नाईजीरिया पर 2-1 की जीत के दौरान मेजबान प्रसारक ने माराडोना पर भी कैमरा फोकस करके रखा. जब पहले हाफ के शुरू में मेस्सी ने अर्जेंटीना को बढ़त दिलायी तो माराडोना खुशी से उछल पड़े. उन्होंने अपने हाथों से छाती पर क्रास बनाया और आसमान की तरफ देखकर ईश्वर का शुक्रिया अदा किया. लेकिन खेल आगे बढ़ने के साथ 1986 के विश्व चैंपियन के चेहरे पर थकान दिखने लगी. मध्यांतर से ठीक पहले वह अपनी सीट पर लुढ़क गये थे. नाईजीरिया ने जब दूसरे हाफ के शुरू में पेनल्टी पर बराबरी का गोल दागा तो माराडोना काफी परेशान दिख रहे थे. खेल जब 80 मिनट के पार चला गया तो उन्होंने अपना चेहरा ढक दिया. वह मैच नहीं देख रहे थे लेकिन जैसे ही 86वें मिनट में मार्कोस रोजो ने गोल दागा माडारोना उछल पड़े.
अर्जेंटीनी समाचार पत्र ‘ओले’ ने बाद में रिपोर्ट दी कि माराडोना चलने में सक्षम थे और अपने होटल पहुंच गये हैं. माराडोना पहले भी स्वास्थ्य कारणों से चर्चा में रहे. इनमें कोकीन की लत शामिल है. उन्हें 2007 में ब्यूनसआयर्स के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां हेपेटाइटिस के लिये उनका इलाज हुआ था. उनकी स्थिति को देखकर फुटबाल जगत में चिंता छा गयी. इंग्लैंड के पूर्व फुटबालर स्टेन कोलीमोर ने सुझाव दिया कि माराडोना को अब फुटबाल से खुद को अलग कर देना चाहिए.
VIDEO
https://twitter.com/Agent_Edward/status/1011713364198920192?ref_src=twsrc%5Etfw