मुंबई : सुविख्यात संगीत निर्देशक एआर रहमान ने कहा कि भारत के संगीत विरासत में खामियां हो सकती हैं लेकिन यह अवसान की तरफ नहीं है क्योंकि इसकी जड़ें परंपराओं से गहरे तक जुड़ी हुई हैं और लोगों का इससे आध्यात्मिक लगाव है.
दोहरे ऑस्कर पुरस्कार विजेता रहमान ने अपनी गैर फिक्शन शृंखला ‘हार्मनी विद एआर रहमान’ के लिए देश भर की यात्रा कर दुर्लभ और छिपी हुई संगीत परंपराओं की खोज की है.
इसे 15 अगस्त को अमेजन प्राइम पर लांच किया जाएगा. रहमान की सोच थी कि हर गली की संगीत परंपरा है. रहमान इन परंपराओं को शो पर आधुनिक परिप्रेक्ष्य में पेश करेंगे.
एक साक्षात्कार में रहमान ने कहा, मेरा मानना है कि भारत की समृद्ध संगीत परंपरा अवसान पर नहीं है, केवल इसे सबके सामने लाया नहीं जा रहा है. लोग परंपराओं से प्रेम करते हैं और यह किसी के धन या शक्ति से परे है. यह कई लोगों की लाइफस्टाइल है.
उन्होंने कहा, मैं केरल के कलामंडलम की बात कर रहा था, जहां गुरु-शिष्य परंपरा है और चेन्नई में एक जगह है जहां 370 रुपये प्रति वर्ष के शुल्क पर लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत और नृत्य सिखाया जाता है. राजस्थान में हर बच्चा बहुत अच्छा गाता है और पंजाब में भी.